PM Modi In Brics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स समिट में शामिल हुए. ब्रिक्स के मंच से उन्होंने चीन, रूस समेत पूरी दुनिया को नसीहत दी कि जंग किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. पीएम मोदी ने कहा- हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं. पीएम जब संबोधित कर रहे थे, तो उनके अगल-बगल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मौजूद थे.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज की बैठक के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. मुझे बहुत खुशी है कि आज हम पहली बार एक्सटेंडेड ब्रिक्स फैमिली के रूप में मिल रहे हैं. ब्रिक्स परिवार से जुड़े सभी नए सदस्यों और साथियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं. पिछले एक वर्ष में, रूस की सफल अध्यक्षता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का अभिनन्दन करता हूं.
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी और पुतिन के साथ दिखे जिनपिंग, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय बैठक आज, 5 साल पहले हुई थी बात
आज विश्व कई चुनौतियों से घिरा है- पीएम मोदी
फ्रेंड्स, हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, क्लाइमेट चेंज, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है. विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम डिवाइड की बात हो रही है. महंगाई की रोकथाम, फूड सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, वॉटर सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं. और, टेक्नोलॉजी के युग में, साइबर सिक्योरिटी, डीप फेक, डिसइंफॉर्मेशन जैसी नई चुनौतियां बन गई हैं. ऐसे में, ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं.
ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं है- पीएम मोदी
मेरा मानना है कि एक डाइवर्स और इन्क्लूसिव प्लेटफॉर्म के रूप में, ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है. इस संदर्भ में हमारी अप्रोच पीपुल सेंट्रिक होनी चाहिए. हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है. हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं. और, जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.
“आतंकवाद से निपटने के लिए एक होना होगा”
आतंकवाद और टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा. ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है. हमारे देशों के युवाओं में रेडिक्लाइजेशन को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए. यूएन में कंप्रहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म के लंबित मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा. उसी तरह साइबर सिक्योरिटी, सेफ और सिक्योर एआई के लिए ग्लोबल रेगुलेशंस के लिए काम करना चाहिए.