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‘चरमपंथियों को राजनीतिक ताकत दे रही ट्रूडो सरकार’, ऑस्ट्रेलिया में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

External Affairs Minister S Jaishankar

एस जयशंकर, (विदेश मंत्री )

External Affairs Minister S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं. जहां मंगलवार को उन्होंने कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हमले को लेकर कड़ी आलोचना की. विदेश मंत्री ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाला देश चरमपंथियों को राजनीतिक जगह दे रहा है. कैनबरा में अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने यह बयान दिया.

बता दें कि कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थक तत्व रविवार को हिंदू सभा मंदिर में लोगों से भिड़ गए और मंदिर अधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक कांसुलर कार्यक्रम को बाधित कर दिया. खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड पर कनाडा के आरोप का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि देश में निराधार आरोप लगाने का एक पैटर्न विकसित हो गया है.

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चरमपंंथी ताकतों को जगह दी जा रही है- विदेश मंत्री

उन्होंने भारत के इस आरोप पर भी बात की कि कनाडा ने अवैध रूप से भारतीय राजनयिकों को निगरानी में रखा है. एस जयशंकर ने कहा, “मुझे तीन टिप्पणियां करने दें, एक, कनाडा ने सबूत दिए बिना आरोप लगाने का एक पैटर्न विकसित किया है. दूसरे, जब हम कनाडा को देखते हैं, तो हमारे लिए, यह तथ्य कि… हमारे राजनयिक निगरानी में हैं, कुछ ऐसा है जो अस्वीकार्य है.

विदेश मंत्री ने कहा, “तीसरी घटना वह घटना है जिसके बारे में सज्जन ने बात की, हिंदू महासभा मंदिर पर हुए हमले के वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक तरह से बताएगा कि वहां चरमपंथी ताकतों को कितनी राजनीतिक जगह दी जा रही है.”

चार दिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं विदेश मंत्री

बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया में हैं. एस जयशंकर के ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग ने इन घटनाओं को भारतीय समुदाय के लिए “परेशान करने वाला” बताया. उन्होंने कहा, “आप जिस बर्बरता का वर्णन कर रहे हैं, उसके बारे में मुझे पता है कि हमारे स्थानीय सदस्यों ने इसके बारे में बहुत मजबूत विचार व्यक्त किया है, विशेष रूप से दिवाली से जुड़ा हुआ है, जो कि आस्था के सदस्यों और व्यापक रूप से भारतीय समुदाय के लिए बहुत परेशान करने वाली बात है.” वहीं, विदेश मंत्रालय ने मंदिर घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

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