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खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कबूली कनाडाई पीएम ट्रूडो से रिश्ते की बात, कहा- भारत के खिलाफ मैंने ही दी जानकारी

Gurpatwant Singh Pannun

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू

Gurpatwant Singh Pannun: भारत और कनाडा के बीच चल रही तनातनी के बीच खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है. उसने कहा कि ये सिर्फ अभी शुरुआत है और भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने से भारत का जासूसी नेटवर्क ‘खत्म नहीं होगा’.

भारत ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को खालिस्तानी आतंकवादी घोषित कर रखा है. उसने कनाडाई नेशनल मीडिया सीबीसी न्यूज पर पिछले तीन सालों से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ सीधे संबंधों के बारे में कबूल किया है. इसके साथ ही ये भी कहा कि उसने ही भारत के खिलाफ जानकारी दी थी, जिस पर ट्रूडो ने आखिरकार बिना सबूत के कार्रवाई की.

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ट्रूडो के साथ रिश्तों पर पन्नू ने क्या कहा?

आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया ने कहा, “(कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन) ट्रूडो का बयान न्याय, कानून के शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कनाडा की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है और सिख फॉर जस्टिस पिछले 2-3 सालों से प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ कम्युनिकेशन कर रहा है, साथ ही सभी जासूसी नेटवर्क का ब्यौरा दे रहा है.” पन्नू ने कहा कि गुरु के आशीर्वाद से हम सिख लोग जीवन के सिद्धांत का पालन करते हैं. जिस दिन हम पैदा हुए, उसी दिन मृत्यु की तारीख लिखी होती है, इसलिए मैं भारत की हत्या की धमकियों या भारत सरकार द्वारा मेरे खिलाफ रची जा रही निरंतर हत्या की साजिशों से नहीं डरता, चाहे वह कनाडा में हो या अमेरिका में.

लेकिन निश्चित रूप से, अंततः मैं खालिस्तानी अभियान तभी चला पाऊंगा जब मैं जीवित रहूंगा. इसलिए मैं यह सुनिश्चित करने के लिए सभी सुरक्षा उपाय कर रहा हूं कि मैं खुद को सुरक्षित रख सकूं और दुनियाभर में खालिस्तानी कैंपेन को जारी रख सकूं.

भारत के सवाल पर पन्नू का जवाब

कानाडाई पत्रकार ने सवाल किया कि भारत सरकार ने मामले की जांच को कमेटी का गठन किया है. विक्रम यादव की गिरफ्तारी के बारे में आप क्या सोचते हैं? इस पर पन्नू ने कहा कि समिति सिर्फ एक दिखावा है, और निष्कर्ष सिर्फ एक लीपापोती होगी. क्योंकि हम सभी जानते हैं खालिस्तानियों के साथ भारतीय न्यायिक प्रणाली के साथ कैसा अनुभव रहा है. चूंकि हम उनके संविधान को मान्यता नहीं देते, उनकी न्यायिक प्रणाली पक्षपातपूर्ण है, वे हमेशा सिख समुदाय के प्रति पक्षपातपूर्ण होते हैं, विशेष रूप से उन लोगों के प्रति जो आलोचनात्मक असहमतिपूर्ण राय रखते हैं.

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