Iran Israel War: यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोही इजरायल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. इस बीच, इजरायल के प्रमुख सहयोगी अमेरिका और ब्रिटेन ने उनकी मदद के लिए कदम बढ़ाए हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी कि यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी और ब्रिटिश सेनाओं ने मिलकर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. यह कार्रवाई हूती विद्रोहियों के 15 ठिकानों पर की गई.
हूती विद्रोहियों पर बड़े हमले
सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी सैन्य विमानों और युद्धपोतों ने हूती विद्रोहियों के लगभग 15 प्रमुख ठिकानों पर बमबारी की. इन हमलों में यमन के होदेइदा शहर के दो हवाई अड्डों और काथीब क्षेत्र में स्थित हूती नियंत्रण वाले सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया. इसके साथ ही राजधानी सना और धमार प्रांत में भी हवाई हमले हुए. हूती विद्रोहियों के मीडिया के अनुसार, बायदा प्रांत में तीन और हवाई हमले हुए.
अमेरिकी नौसेना पर भी हमला
हाल ही में हूती विद्रोहियों ने यमन के ऊपर उड़ रहे एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था, जिसके बाद से तनाव और बढ़ गया है. हूतियों ने इजरायल के खिलाफ और भी सैन्य कार्रवाई करने की धमकी दी है. इससे पहले हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी युद्धपोतों पर हमले की जिम्मेदारी भी ली थी. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य के पास से गुजरते हुए तीन अमेरिकी जहाजों पर हूतियों ने आधा दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों से हमला किया, जिन्हें अमेरिकी नौसेना ने विफल कर दिया.
हूती विद्रोहियों का बढ़ता हमला
हूती विद्रोही पिछले एक साल से इजरायल से जुड़े व्यापारिक जहाजों पर लगातार हमला कर रहे हैं. अक्टूबर 2023 में इजरायल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद से हूतियों ने मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग कर 80 से अधिक व्यापारिक जहाजों पर हमले किए हैं. उनका दावा है कि यह हमले फिलिस्तीनियों के समर्थन में किए जा रहे हैं. इस दौरान, हूतियों ने एक जहाज को हाईजैक कर लिया और दो जहाजों को डुबाने में भी सफलता हासिल की. जहाजों पर हमलों के अलावा, हूतियों ने इजरायल पर मिसाइल से हमला करने की भी कोशिश की है.
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ब्रिटेन और अमेरिका की भूमिका
ब्रिटेन और अमेरिका इजरायल के सबसे बड़े सहयोगी माने जाते हैं, और जब भी इजरायल को किसी संकट का सामना करना पड़ता है, ये दोनों देश उसकी मदद के लिए आगे आते हैं. इस बार भी, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ ब्रिटेन और अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है. हालांकि, अभी तक इन हमलों से हूती विद्रोहियों को हुए नुकसान के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है. इस बीच, हूतियों के हमले और धमकियों के मद्देनजर इजरायल, अमेरिका और ब्रिटेन की स्थिति पर नजर बनी हुई है, ताकि किसी भी नए घटनाक्रम का त्वरित जवाब दिया जा सके.