Iran Israel Conflict: 26 अक्टूबर 2024 को इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर एक बड़ा हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप तेहरान, इलम और खुज़ेस्तान प्रांतों में कई धमाके सुने गए. ईरान ने इस हमले को स्वीकार करते हुए कहा है कि इससे केवल ‘सीमित क्षति’ हुई है.
न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार, इजरायली हमले में ईरान के विभिन्न सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. हालांकि, ईरान की ओर से अभी तक विस्फोटों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमले एक सैन्य ड्रिल का हिस्सा हो सकते हैं. अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने भी इस स्थिति पर नजर रखने की बात की है. इस हमले के साथ-साथ इराक, सीरिया और लेबनान में भी विस्फोटों की सूचना मिली है. सीरियाई सेना ने अपनी हवाई रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया है, जबकि लेबानी समाचार आउटलेट ने भी विस्फोटों की पुष्टि की है.
ईरान का आधिकारिक बयान
ईरान ने इस हमले को स्वीकार करते हुए कहा है कि इजरायल ने तीन चरणों में हमले किए, जिनमें से पहले चरण में ईरानी एयर डिफेंस को निशाना बनाया है. इजरायली मीडिया के अनुसार, अमेरिका और इजरायली अधिकारियों ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह प्रतिक्रिया देगा, तो अमेरिका इजरायल की रक्षा के लिए तैयार है.
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अमेरिका की भूमिका
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने ईरान को संदेश दिया है कि अगर वह प्रतिशोध करता है, तो अमेरिका इजरायल की रक्षा करेगा. बाइडेन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ईरान और इजरायल के बीच स्थिति को तनावमुक्त करने के लिए संचार के कई माध्यम उपलब्ध हैं. यरुशलम पोस्ट के अनुसार, इस हमले में 100 से अधिक इजरायली विमानों ने भाग लिया, जिसमें एफ-35 फाइटर जेट शामिल थे. यह हमले 2000 किमी दूर से किए गए थे, और अमेरिकी अधिकारियों ने इस ऑपरेशन की जानकारी पहले ही दे दी थी. इस पूरे घटनाक्रम ने मिडिल ईस्ट में तनाव को और बढ़ा दिया है, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति क्षेत्र में भविष्य की सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.