Israel-Iran War: हाल ही में लीक हुए अमेरिकी खुफिया दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है कि इजरायल ईरान पर हमला करने की तैयारी कर रहा था. इस हमले के लिए इजरायल ने जेरिको-2 नामक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का चयन किया था. ये मिसाइल 16 अक्टूबर 2024 को उपयोग की जाने वाली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें परमाणु हथियार नहीं, बल्कि पारंपरिक हथियारों को फिट किया गया था.
जेरिको-2 की ताकत
जेरिको-2 मिसाइल इजरायल की तीन प्रकार की जेरिको मिसाइलों में से एक है, जिनकी रेंज 500, 1500 और 4800 किलोमीटर है. ये सभी हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं. इसकी ताकत के चलते ईरान का एयर डिफेंस भी इसे रोक नहीं पाएगा. जेरिको-2 का विकास तब शुरू हुआ जब अमेरिका ने इजरायल को अपने Pershing-2 मिसाइलें बेचने से मना कर दिया. यह मिसाइल 1989 से सक्रिय है और इजरायल के न्यूक्लियर हथियारों के जखीरे में शामिल है.
जेरिको-3: इजरायल की सबसे शक्तिशाली मिसाइल
इजरायल की सबसे शक्तिशाली मिसाइल जेरिको-3 है, जो इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है और परमाणु हथियार ले जा सकती है. यह 2011 से इजरायल की सुरक्षा में तैनात है. इसकी रेंज 4800 किलोमीटर है और यह 1300 किलोग्राम तक का हथियार ले जा सकती है. इसके मुकाबले, जेरिको-2 का वजन 26,000 किलोग्राम है और इसकी रेंज 1500 से 2000 किलोमीटर है.
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इजरायल और ईरान की मिसाइलों के बीच अंतर
इजरायल की जेरिको-3 मिसाइल की रेंज ईरान की खोर्रमशहर मिसाइल से अधिक है, लेकिन ईरान की मिसाइलों की सटीकता बेहतर मानी जाती है क्योंकि उनके पास उन्नत गाइडेंस सिस्टम हैं. दूसरी ओर, इजरायल के पास कई स्तरों की एयर डिफेंस प्रणाली है. इस तरह की परिस्थिति में इजरायल को अपने बचाव की ज्यादा संभावनाएं हैं, जबकि ईरान की स्थिति कमज़ोर है.
इन सभी जानकारियों से यह पता चलता है कि इजरायल अपने दुश्मनों खासकर ईरान के खिलाफ अपनी मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल करने में सक्षम है. भविष्य में युद्ध की स्थिति में इजरायल अपनी पूरी ताकत दिखा सकता है.