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“हम शांति प्रिय देश, यह सदी भारत…”, आसियान शिखर सम्मेलन में PM मोदी का दुनिया को संदेश

पीएम मोदी ने समिट से पहले लाओ PDR में सम्मानित भिक्षुओं और आध्यात्मिक नेताओं से मुलाकात की

पीएम मोदी ने समिट से पहले लाओ PDR में सम्मानित भिक्षुओं और आध्यात्मिक नेताओं से मुलाकात की

ASEAN-India Summit: पीएम मोदी इन दिनों लाओस की राजधानी वियनतियाने में आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. इस शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग, शांति और एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता के प्रति सम्मान की बात कही. उन्होंने कहा, “हम एक शांति प्रिय देश हैं और 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है.”

लाओ रामायण का मंचन

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान लुआंग प्रबांग में लाओ रामायण का मंचन देखा. ‘फलक-फलम’ या ‘फ्रा लाक फ्रा राम’ के नाम से प्रसिद्ध इस मंचन ने साझा विरासत की महत्ता को उजागर किया. यह न केवल लाओस की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे भारतीय रामायण बौद्ध मिशनों के माध्यम से लाओस में लगभग 16वीं शताब्दी में पहुंची थी.

साझा संस्कृति का संरक्षण

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस अवसर पर कहा कि यह आयोजन भारत और लाओस के समृद्ध संबंधों का एक अद्भुत उदाहरण है. उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया कि साझा विरासत और परंपरा दोनों देशों को करीब ला रही हैं. लाओस में भारतीय संस्कृति के कई पहलुओं का पालन और संरक्षण किया जा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत किया जा रहा है.

बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद

इसके अलावा, पीएम मोदी ने लाओस में सम्मानित भिक्षुओं से भी मुलाकात की. उन्होंने साकेत मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा आयोजित आशीर्वाद समारोह में भाग लिया. इस दौरान, उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “लाओ PDR में भिक्षुओं और आध्यात्मिक नेताओं से मिलकर बहुत खुशी हुई. मैं उनके आशीर्वाद के लिए आभारी हूं.”

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‘वट फो’ मंदिर का जीर्णोद्धार

प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस में ‘वट फो’ मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और संरक्षण पर एक प्रदर्शनी भी देखी. यह मंदिर भारत और लाओस के बीच घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों का प्रतीक है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इस UNESCO वर्ल्ड हैरिटेज साइट के संरक्षण के लिए कार्यरत है, जो साझा सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को मजबूत कर रही है, बल्कि यह साझा संस्कृति और विरासत के प्रति एक नई दिशा भी दिखा रही है.

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