Jharkhand Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में सियासी खींचतान तेज है. विपक्षी ‘INDI’ गठबंधन के बीच कौन कितने सीट पर चुनाव लड़ेगा यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है. दिल्ली में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के साथ झामुमो के नेताओं की दो दौर की बैठक के बाद भी तक यह तय नहीं हो सका है कि राज्य में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होने वाला है.
झामुमो की मांग पीछे हटे कांग्रेस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोहरदगा लोकसभा सीट को लेकर सहयोगी दलों की कांग्रेस के साथ सहमति नहीं बन पा रही है. झामुमो ने इस सीट पर अपनी दावेदारी ठोक रही है. इसका मुख्य कारण है कि 2004 के बाद से लोहरदगा सीट से कांग्रेस लगातार तीन बार हार चुकी है. वहीं लोहरदगा की पांच विधानसभा में पड़ने वाले 5 विधानसभा सीट में से तीन सीट झामुमो के पास है और सिर्फ 2 सीट कांग्रेस के पास है. ऐसे में झामुमो इस सीट से कांग्रेस को पीछे हटने की मांग कर रही है.
2009 से लोहरदगा सीट BJP के पास
रांची से सटे लोहरदगा सीट पर पहली बार 2004 में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में रामेश्वर उरांव की जीत हुई. उसके बाद से वर्ष 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां परचम लहराया है. वहीं 2019 विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर BJP हार गई. विधानसभा के परिणामों के आधार पर झामुमो दावा कर रही है कि अगर इस सीट पर BJP के विजयरथ को रोकने के लिए झामुमो के सिंबल पर प्रत्याशी खड़ा करना चाहिए. जबकि कांग्रेस के स्थानीय नेता इसे पार्टी की परंपरागत सीट बताते हुए किसी भी स्थिति में छोड़ना नहीं चाहते हैं.
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कांग्रेस पर बढ़ा दबाव
बताते चलें कि 2019 के चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने कोटे की दो सीटें बाबूलाल की पार्टी JVM को दी थी. वर्तमान में बाबूलाल मरांडी BJP में हैं. झामुमो की मांग है कि JVM की कोटे वाली दो सीट कांग्रेस लेफ्ट को दे. इसे लेकर झामुमो का कहना है कि प्रदेश में ‘INDI’ गठबंधन में RJD को कौन और कितनी सीट मिलेगी, यह कांग्रेस को तय करना है. उन्होंने कहा कि बिहार में RJD ने कांग्रेस को सीट दी. ऐसे में कांग्रेस को चाहिए कि झारखंड में वह अपने कोटे से RJD को सीट दे.