Jharkhand News: झारखंड पुलिस में सिपाही भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट आयोजित किया जा रहा है. जिसके लिए दौड़ अलग-अलग जिलों में आयोजित की जा रही है. वहीं, दौड़ के दौरान 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद से हड़कंप मचा हुआ है. इसी दौड़ में बिहार के रहने वाले दो भाइयों में से एक की जान चली गई. बड़े भाई के मौत से छोटा भाई सदमे में है और उसने पूरे मामले की दर्दनाक कहानी बताई है.
बिहार के जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड के गंगरा गांव के दो भाई 27 अगस्त को झारखंड के गिरिडीह में उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ में भाग लेने गए थे. 28 अगस्त को दौड़ होना था. दौड़ के लिए सुबह 5 बजे का समय था. सभी अभ्यर्थियों को 5 बजे से ही लाइन में लगा दिया गया. लेकिन 11:00 बजे दौड़ की शुरुआत की गई. भीषण गर्मी की वजह से गंगरा गांव के गोविंद कुमार और कई सारे अभ्यर्थी दौड़ के दौरान ही बेहोश हो गए.
ये भी पढ़ें- Jharkhand: चुनाव से ठीक पहले यशवंत सिन्हा का ऐलान, पूर्व PM वाजपेयी के नाम पर करेंगे नई पार्टी की शुरुआत
चक्कर खा कर गिर गए 2 दर्जन अभ्यर्थी
गर्मी अधिक होने के कारण छोटा भाई निर्मित दो चक्कर के बाद ग्राउंड छोड़ दिया और बड़ा भाई गोविंद नौकरी पाने के जुनून में दौड़ जारी रखा. छोटा भाई निर्मित दौड़ से बाहर निकलकर भाई का इंतजार कर रहा था. तभी सूचना मिली की लगभग दो दर्जन अभ्यर्थी चक्कर खा कर गिर गए. स्थिति नाजुक होने के कारण गोविंद को पहले प्राथमिक इलाज के लिए गिरिडीह के अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिर रात आठ बजे उसे धनबाद रेफर कर दिया गया.
इलाज में देरी होने से हुई मौत
धनबाद में भी गोविंद की स्थिति को नाजुक देखते हुए उसे रांची के रिम्स ले जाने को कहा गया. लेकिन रांची के रिम्स में दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी गोविंद को एडमिट नहीं किया गया और गोविंद की मौत हो गई. गोविंद की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घर का एक मात्र कमाने वाले पुत्र के चले जाने का गम न केवल उसके परिवार वालों को बल्कि पूरे गांव को सता रहा है. गोविंद गंगरा पंचायत में ही स्वच्छता कर्मी के रुप में कार्यरत था.
परिजनों ने सरकार पर लगाया आरोप
गोविंद के पिता ने मीडिया से से बात करते-करते काफी भावुक हो गए. गोविंद के पिता और छोटे बेटे निर्मित का कहना है कि गोविंद की मौत सरकार की लापरवाही से हुई है. इसलिए गोविंद की मौत की जिम्मेवारी सरकार को लेनी चाहिए. इसके लिए सरकार को मुआवजा के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देनी चाहिए.