Health Tips: नींद अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है. नींद से केवल शरीर को आराम ही नहीं मिलता बल्कि शरीर और मस्तिष्क की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए यह एक जरूरी प्रक्रिया है. पर्याप्त नींद न लेने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तीनों स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है. अच्छी नींद हमें ऊर्जावान महसूस कराती है, सीखने और याददाश्त में सुधार करती है, और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. ऐसे में आज हम यहां जानेंगे कि नींद की गुणवत्ता को किन तरीकों से सुधारा जा सकता है…
सोने-जागने का समय करें तय
एक स्टडी के अनुसार सोने और जागने का एक निश्चित समय रखने से नींद की गुणवत्ता बढ़ती है. इससे हमारे जैविक घड़ी स्थिर रहती है ,जिससे गहरी और लंबी नींद सुनिश्चित होती है .ऐसे लोगों में तनाव कम और ऊर्जा का स्तर बेहतर पाया गया .
सोने से पहले स्क्रीन से बनाएं दूरी
एक रिपोर्ट के मुताबिक स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन को दबा देती है. इससे नींद आने में देरी होती है और इसका नींद की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है इसलिए सोने से कम से कम 1 घंटे पहले मोबाइल टीवी लैपटॉप से दूरी बनाएं अगर जरूरी हो तो ब्लू लाइट फिल्टर ऑन करें.
बेडरूम को कैसे रखें?
एक रिसर्च के मुताबिक अच्छी नींद के लिए कमरे का तापमान 16 से 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. भारतीय परिस्थितियों में इस तापमान को 22 से 30 डिग्री सेल्सियस तक रखा जा सकता है साथ ही कमरे में अंधेरा होना चाहिए और किसी तरह का शोर-गुल नहीं होना चाहिए. तापमान रोशनी और शोर नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं. ऐसे माहौल के लिए आप ब्लैकआउट पर्दे और आरामदायक गद्दे का इस्तेमाल करें सकते हैं.
6 घंटे पहले कैफ़ीन से बचें
एक स्टडी में पाया गया कि सोने से 6 घंटे पहले ली गई कैफ़ीन भी नींद के कुल समय और गुणवत्ता को कम कर देती है. इसी तरह शाम के बाद से धूम्रपान या तंबाकू उत्पादों से बचना चाहिए इसमें मौजूद निकोटीन स्टेमुलेंट का काम करता है, जिससे अनिद्रा की समस्या हो सकती है. इसलिए शाम को 4 बजे के बाद से न चाय कॉफी ले ही चाहिए और न धूम्रपान करना चाहिए.
नींद न आए तो उठ जाए
बिस्तर पर नींद के लिए जागते रहने से दिमाग में बेड स्ट्रेस की स्थिति पैदा हो जाती है इससे क्रोनिक इनसोम्निया का खतरा बढ़ता है. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि बिस्तर पर लेटने के अगर 20 मिनट तक नींद न आए तो उठ जाना चाहिए. बेहतर है खुद को रिलेक्स करें या कोई किताब वगैरह पढ़े. जब नींद का एहसास होने लगे तभी बिस्तर पर दुबारा जाएं .
पर्याप्त नींद लेना क्यों जरूरी
इम्युनिटी स्ट्रांग बनाने के लिए: एक स्टडी के अनुसार जो लोग हर रात 6 घंटे से कम सोते हैं उन्हें सर्दी जुकाम जैसी बिमारियों का खतरा चार गुना तक बढ़ जाता है.
वजन नियंत्रित रखने के लिए: नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ता है और लेप्टिन कम होता है जिससे मोटापा बढ़ता है.
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यादाश्त बढ़ाने व सीखने के लिए: नींद के दौरान मस्तिष्क दिन भर सीखी गई बातों को प्रोसेस करता है. नींद की कमी से फोकस, सीखने और याददाश्त पर असर पड़ता है.
मानसिक संतुलन के लिए: अनिद्रा से डिप्रेशन , एंजाइटी और इमोशनल अस्थिरता बढ़ जाती है.
दिल की सेहत के लिए: खराब या अधूरी नींद हृदय रोग हाइ ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती है.
