Holi 2025: रंग और उमंग के त्योहार होली आने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. यह त्योहार देश भर में अलग अलग ढंग से बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. पूरे देश में मस्ती और हंसी-ठीठोली भरी होली खेली जाती है. वहीं मथुरा के बरसाने और नंदगांव में लठ मार होली परंपरा है. यहां की इस अनोखी परंपरा को देशभर से लोग देखने के लिए आते हैं. बरसाने की लट्ठमार होली पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है. बता दें कि इस परंपरा की शुरुआत भगवान कृष्ण और राधा रानी ने की थी. लट्ठमार होली सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कहानी की झलक है. इस होली में जमकर अबीर गुलाल उड़ता है और फिर महिलाएं पुरुषों पर लट्ठ चलाती हैं.दूर-दूर से लोग इस होली में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं. अगर आप होली को असली ब्रज वाले अंदाज में देखना चाहते हैं, तो एक बार बरसाना और नंदगांव की लट्ठमार होली जरूर देखें.
ऐसे प्लान करें अपनी छुट्टियां
इस साल होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को है और उसके अगले दिन 14 मार्च यानि शुक्रवार को होली मनाई जाएगी. कुछ ऑफिस में 13 मार्च यानि छोटी होली की भी छुट्टी होती है. अगर छुट्टी न हो तो आप इस एक दिन (गुरुवार)की छुट्टी लेकर, अगले दिन शुक्रवार होली हैं, इस दिन ऑफिस बंद रहेंगे.फिर एक दिन बाद शनिवार एक्स्ट्रा छुट्टी ले सकते हैं. इसके बाद रविवार की छुट्टी रहेगी. ऐसे में 4 दिन का अच्छा लॉन्ग वीकेंड मिल रहा है और इस दौरान आप चार दिन बरसाने में गुजारकर रंग उत्सव का आनंद लें सकते हैं.
बरसाना जाने के लिए यातायात सुविधा
वृंदावन-मथुरा जाने के लिए आप ट्रेन या बस अपनी सुविधानुसार कोई भी ट्रांसपोर्ट सिस्टम चुन सकते है. यहां पहुंचकर आपको सिटी बस या लोकल ट्रांसपोर्ट मिल जायेगी जिससे आप बरसाना आराम से पहुंच सकते है. अगर आप स्वयं के वाहन से जा रहे हैं तो आप सीधे बरसाने पहुंच सकते हैं.
बरसाना में कब है लठमार होली?
बरसाना में हर साल लठमार होली फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार यह तिथि 8 मार्च को पड़ रही है. ब्रज में होली का पर्व लगभग 40 दिनों तक मनाया जाता है. जिसमें से लठमार होली का खास महत्व होती है.
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लठमार होली के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस की व्यवस्था
बरसाने की लठमार होली को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से व्यापक व्यवस्थाएं की जाती हैं.
- बरसाना में सुरक्षा के लिए आगरा, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर जोन की पुलिस फ़ोर्स तैनात की जाती है.
- खुफिया विभाग के जवान सादा वर्दी में तैनात रहते हैं.
- श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी और बैठने की व्यवस्था की जाती है.
- भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जाते हैं.
- बरसाना पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो जाता है.
