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कौन है अंबानी फैमिली का फिटनेस ट्रेनर? फीस जानकर चौंक जाएंगे आप

Ambani Family Fitness Trainer

अंबानी फैमिली का फिटनेस ट्रेनर लाखों में लेता है फीस

Ambani Family Fitness Trainer Fess: गरीब परिवार में जन्मे विनोद चन्ना आज देश के जाने-माने सेलिब्रिटी ट्रेनर्स में से एक हैं. विनोद वेट ट्रेनिंग, बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन, डाइट मैनेजमेंट न्यूट्रिशन संबंधी गाइडेंस देते हैं और साथ ही इंजुरी रिहैब और स्ट्रेंथ संबंधित सेलिब्रिटियों को ट्रेनिंग भी देते है. अब तक चन्ना विनोद जैकलीन, जॉन अब्राहम, हर्षवर्धन राणे, रितेश देशमुख, शिल्पा शेट्टी जैसे कई बड़े-बड़े सेलिब्रिटिज को गाइड और ट्रेनिंग दे चुके हैं. वर्तमान में विनोद देश के सबसे अमीर परिवार यानी अंबानी फैमिली के कोच हैं. अनंत अंबानी का वेट लॉस कराने में इनका ही हाथ था. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर वो कितना फीस चार्ज करते होंगे.

इतने लेते हैं फीस विनोद चन्ना

विनोद चन्ना ने एक पॉडकास्ट शो में बताया कि उनकी ऑनलाइन ट्रेनिंग पूरे दुनिया भर में चलती है. अगर कोई ऑनलाइन उनसे ट्रेनिंग लेना चाहता है, तो उसके लिए 12 सेशन के 1 लाख रुपए बतौर फीस देना होगा. इसके अलावा वो कहते हैं कि अगर कोई मेरे जिम में आ रहा है या मुझे वहां पर बुला रहा है, तो वो डिस्टेंस और मेरा टाइम कितना इन्वेस्ट हो रहा है, उसके हिसाब से महीने का 1.5 लाख, 2.5 लाख और कभी-कभी 3 लाख फीस लेता हूं.

आगे वो बताते हैं, ‘जिन्हें मैं चाहिए होता हूं तो मुझे उनके साथ ट्रेवल भी करना होता है. उसके लिए दिन का मेरा खर्चा लाखों में हो सकता है. सेलिब्रिटीज या टाइकून्स वगैरह के पास रहने में मुझे ज्यादा प्रॉब्लम होता है क्योंकि उनके पास एक्सरसाइज करने का समय ही नहीं होता है.’

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विनोद चन्ना ने स्वीपर का काम किया

विनोद चन्ना ने बताया कि उनके लाइफ में बहुत सी परेशानियां आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार आगे बढ़ते गए. विनोद का जन्म मुंबई के एक गरीब परिवार में हुआ था. बचपन में उनकी आर्थिक हालात इतने कमजोर थे कि पढ़ाई पूरी करना बहुत मुश्किल था. घर का खर्च चलाने के लिए वे शुरुआती दिनों में स्वीपर (झाड़ू-पोंछा लगाने का काम) तक किया. उन्होंने बताया कि जिम में फ्लोर ट्रेनर के रूप में उन्हे पहली नौकरी मिली थी, जहां दिनभर उनसे मशीनें साफ करना, प्लेट्स लगाना-उतारना का काम कराया जाता था. इतनी कड़ी मेहनत के बाद उन्हें मात्र 600 से 700 रुपए ही दिए जाते थे.

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