Parkinson Disorder: हाथ-पैर का कांपना और शरीर का अकड़ना सामान्य लक्षण नहीं हैं. ये कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं. अगर ये लक्षण बार-बार दिखाई दे रहे हैं, तो इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. एक साधारण ब्लड टेस्ट से ऐसी कई बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, जो इन लक्षणों का कारण हो सकती हैं.
हाथ-पैर कांपने और शरीर अकड़ने के कारण
हाथ-पैर का कांपना (ट्रेमर) और शरीर का अकड़ना कई कारणों से हो सकता है. इन्हीं कारणों में से एक है पार्किंसन रोग (Parkinson’s Disease) यह एक प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं जो गति को नियंत्रित करती हैं, धीरे-धीरे नष्ट हो जाती हैं.
इसके लक्षण की बात करें तो शुरुआत में एक हाथ में कंपन, धीमी गति (ब्रैडीकिनेसिया), शरीर में अकड़न और संतुलन की समस्या दिखनी लगती है.
समय के साथ यह दोनों हाथों और पैरों को प्रभावित कर सकता है.
पार्किंसन एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. हाल ही में Nature Aging में छपी रिसर्च में दावा किया गया है कि एक नई RNA-बेस्ड ब्लड टेस्ट से इस बीमारी का पता चल जाएगा. इसके सिम्पटम्स शुरू होने से पहले ही इसका पता लगाया जा सकता है. मरीज के अंदर इस बीमारी को जल्द ही डायग्नोस कर इसे शुरुआती स्टेज पर ही इसका इलाज शुरू हो जाएगा.
कैसे काम करता है ब्लड टेस्ट ?
tRNA (Transfer RNA) टेस्ट छोटे-छोटे फ्रैगमेंट्स पर आधारित होते हैं. पहले tRNA को सिर्फ प्रोटीन बनाने की प्रक्रिया से जोड़ा जाता था, लेकिन रिसर्च में पता चला कि अब इसके फ्रैगमेंट्स बीमारी का भी पता लगा सकते हैं.
- न्यूक्लियर tRNA फ्रैगमेंट, जो पार्किंसन मरीजों में ज्यादा होता है.
- माइटोकॉन्ड्रियल tRNA फ्रैगमेंट, जो मरीजों में कम होता है.
अब इन दोनों के अनुपात से पता लगाया गया जाएगा कि व्यक्ति नॉर्मल है या शुरुआती स्टेज पर है या एडवांस स्टेज पर. स्टडी में इस टेस्ट की सटीकता 86 प्रतिशत निकली है.
क्यों खास है यह खोज?
बता दें कि अब तक इस बीमारी का पता तभी चलता है जब म सिम्पटम्स सामने आते हैं. लेकिन यह ब्लड टेस्ट:
- यह बाकी इलाजों से काफी सस्ता है.
- इससे बीमारी के बारे में तेजी से पता चल जाएगा.
- इसके अलावा सिर्फ ब्लड सैंपल से (मिनिमली-इनवेसिव) टेस्ट प्रोसेस हो जाता है.
- यह टेस्ट उन लोगों के लिए कारगर हो सकता है जिनमें पार्किंसन का रिस्क ज्यादा है.
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FDA अप्रूवल और फ्यूचर
बता दें कि इस टेस्ट पर और ट्रायल होने हैं. हाल ही में FDA ने Alzheimer’s Disease के लिए ब्लड टेस्ट को मंजूरी ददे दी गई है. जिससे उम्मीद है कि पार्किंसन टेस्ट को भी जल्दी अप्रूवल मिल सकता है. भविष्य में यह टेस्ट सिर्फ डायग्नोस करने के लिए ही नहीं बल्कि डिजीज प्रोग्रेशन ट्रैक करने और ट्रीटमेंट का असर देखने के लिए भी काम आ सकता है. अगर सब ठीक रहा तो यह टेस्ट रूटीन हेल्थ चेकअप का हिस्सा बन सकता है.
