Low Blood Sugar: स्वीडन की नई स्वास्थ्य मंत्री एलिसाबेट लैन के पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंच पर गिरने का वीडियो वायरल हो गया है. लो ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) के कारण बेहोश होने वाली लैन ने खुद इसकी पुष्टि की. यह घटना न केवल उनकी सेहत पर सवाल उठाती है, बल्कि लो शुगर लेवल के खतरों को भी उजागर करती है, जो जानलेवा साबित हो सकता है.
क्या हुआ प्रेस कॉन्फ्रेंस में?
9 सितंबर को, स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नया स्वास्थ्य मंत्रालय संभाल रही एलिसाबेट लैन अचानक मंच पर गिर पड़ीं. यह उनकी नियुक्ति का पहला ही दिन था. वीडियो फुटेज में दिखा कि लैन कुछ शब्द बोलते ही धीरे-धीरे आगे झुक गईं और पोडियम को गिराते हुए फर्श पर बेहोश हो गईं. मंच पर मौजूद प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन, उप-प्रधानमंत्री एब्बा बुश और अन्य अधिकारी तुरंत सहायता के लिए दौड़े.
एब्बा बुश ने उन्हें रिकवरी पोजीशन में लाकर मदद की, जबकि कमरे में मौजूद लोग एम्बुलेंस बुलाने की चीखें मार रहे थे. लैन को तुरंत बाहर ले जाया गया, लेकिन कुछ मिनट बाद ही वे वापस लौटीं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा- ‘यह कोई सामान्य मंगलवार नहीं था. लो ब्लड शुगर ड्रॉप होने पर ऐसा हो सकता है.’ प्रेस कॉन्फ्रेंस का क्यू एंड ए सेशन रद्द कर दिया गया. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, लैन को कोई गंभीर चोट नहीं लगी और उन्होंने चिकित्सा सहायता की पुष्टि नहीं की. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसे लाखों लोगों ने देखा.
एलिसाबेट लैन कौन हैं?
एलिसाबेट लैन क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स पार्टी की सदस्य हैं और गोथेनबर्ग नगर निगम की पूर्व काउंसलर रह चुकी हैं। वे सामाजिक कल्याण और स्वास्थ्य नीतियों पर काम करने के लिए जानी जाती हैं। 8 सितंबर को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एको अंकारबर्ग जोहानसन के अचानक इस्तीफे के बाद लैन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी नियुक्ति स्वीडन के स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों—जैसे अस्पतालों में लंबी प्रतीक्षा सूचियां और स्टाफ की कमी—को संभालने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। इस घटना ने उनके पहले दिन को ही सुर्खियों में ला दिया, लेकिन लैन ने हास्य के साथ कहा कि यह “सामान्य” नहीं था।
लो ब्लड शुगर क्या है?
लो ब्लड शुगर, या हाइपोग्लाइसीमिया, तब होता है जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से नीचे चला जाता है. डायबिटीज के मरीजों में यह आम है, खासकर टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में, लेकिन गैर-डायबिटिक्स में भी तनाव, भूखा रहना या दवाओं के साइड इफेक्ट्स से हो सकता है.
मुख्य कारण:
- इंसुलिन या दवाओं का अधिक सेवन
- भोजन न करना या अनियमित डाइट
- अत्यधिक व्यायाम
- तनाव या बीमारी
लक्षण:
- चक्कर आना, पसीना आना
- कांपना, भूख लगना
- सिरदर्द, चिड़चिड़ापन
- गंभीर मामलों में बेहोशी या दौरा
स्वीडन की इस घटना ने लैन के अलावा कई लोगों को याद दिलाया कि लो शुगर कोई हल्की समस्या नहीं.
जानें लो शुगर लेवल कितना खतरनाक
नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70-140 mg/dL (3.9-7.8 mmol/L) होता है. लो शुगर तब माना जाता है जब यह 70 mg/dL से नीचे हो. लेकिन खतरा तब बढ़ता है जब लेवल 54 mg/dL (3 mmol/L) से कम हो जाता है—यह स्तर इतना खतरनाक होता है कि व्यक्ति खुद इलाज नहीं कर पाता.
अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो ऐसे मामलों में, मस्तिष्क को ऊर्जा न मिलने से दौरा पड़ सकता है या स्थायी क्षति हो सकती है. डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक, अनुपचारित लो शुगर से मौत का जोखिम 10% तक बढ़ जाता है. लैन का केस हल्का था, लेकिन यह चेतावनी है कि तनावपूर्ण दिन (जैसे नई जिम्मेदारी) में भोजन भूलना घातक साबित हो सकता है.
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बचाव के उपाय: कैसे करें प्रबंधन?
डॉक्टरों के मुताबिक, लो शुगर से बचने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं…
- नियमित भोजन लें, खासकर कार्बोहाइड्रेट युक्त.
- डायबिटीज के मरीज ग्लूकोमीटर से लेवल चेक करें.
- 15-15 नियम: 15 ग्राम शुगर (जैसे ग्लूकोज टैबलेट) लें, 15 मिनट इंतजार करें, फिर दोबारा चेक करें.
- गंभीर केस में ग्लूकागॉन इंजेक्शन या डॉक्टर की मदद लें.
- योगासन जैसे सूर्य नमस्कार या प्राणायाम ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मददगार.
स्वीडन की स्वास्थ्य प्रणाली पहले से ही दबाव में है, और यह घटना स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा दे सकती है.
(नोट: कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें)
