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इस खास विटामिन की कमी से कम उम्र में दिखने लगते हैं बुढ़ापे के लक्षण, जानें ठीक करने के तरीके

Vitamin B12

विटामिन बी12 की कमी

Healthy Lifestyle: हमारे शरीर के आवश्यक पोषक तत्व के लिए विटामिन B12 (vitamin B12) काफी जरुरी है. जो लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cell ) के निर्माण, तंत्रिका तंत्र (nervous system) के स्वास्थ्य और डीएनए उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी कमी कम उम्र में ही आपको समय से पहले बूढ़ा दिखा सकती है? थकान, कमजोरी, त्वचा का पीलापन, और याददाश्त की समस्याएं जैसे लक्षण न केवल आपकी ऊर्जा छीन सकते हैं, बल्कि आपको उम्र से पहले बूढ़ा भी बना सकते हैं.

विटामिन B12 की कमी क्या है?

विटामिन B12, जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है, शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, तंत्रिका तंत्र के कार्य, और डीएनए संश्लेषण के लिए आवश्यक है. यह विटामिन शरीर में स्वयं नहीं बनता, इसलिए इसे आहार या सप्लीमेंट्स के माध्यम से प्राप्त करना जरूरी है. कमी होने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जो कम उम्र में बुढ़ापे जैसे लक्षण पैदा कर सकती हैं.

कम उम्र में बुढ़ापे के लक्षण

विटामिन B12 की कमी के कारण कम उम्र में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जो बुढ़ापे का आभास कराते हैं:

थकान और कमजोरी: कमी के कारण लाल रक्त कोशिकाएं कम बनती हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होती है. इससे लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है.

त्वचा का पीलापन: मेगालोब्लास्टिक एनीमिया के कारण त्वचा पीली या सुस्त दिखने लगती है, जो उम्रदराज दिखने का कारण बनता है.

बालों का झड़ना: विटामिन B12 की कमी से बाल पतले हो सकते हैं और झड़ने लगते हैं, जो उम्र बढ़ने का संकेत माना जाता है.

याददाश्त और मानसिक समस्याएं: यह कमी मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे भूलने की बीमारी, चिड़चिड़ापन और डिमेंशिया जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

तंत्रिका संबंधी समस्याएं: झुनझुनी, सुन्नता, या मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्याएं तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचने का संकेत देती हैं.

जीभ में सूजन (ग्लोसाइटिस): जीभ लाल, सूजी हुई, या दर्दनाक हो सकती है, जो बुढ़ापे से जोड़ा जाता है.

चलने में असंतुलन: तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव के कारण संतुलन बनाए रखने में दिक्कत हो सकती है.

विटामिन B12 की कमी के कारण

कम उम्र में विटामिन B12 की कमी के कई कारण हो सकते हैं:

अपर्याप्त आहार: शाकाहारी लोग, जो मांस, मछली, अंडे, या डेयरी उत्पाद नहीं खाते, उनमें इसकी कमी आम है.

अवशोषण की समस्या: गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे घातक एनीमिया, सीलिएक रोग, या क्रोहन रोग विटामिन B12 के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं.

दवाओं का प्रभाव: प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स या मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं.

जीवनशैली और तनाव: अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, शराब का अधिक सेवन, या तनाव भी कमी का कारण बन सकते हैं.

उम्र बढ़ना: हालांकि यह कम उम्र में कम आम है, लेकिन पेट में एसिड उत्पादन कम होने से अवशोषण प्रभावित हो सकता है.

विटामिन B12 की कमी का निदान

इस कमी का पता लगाने के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:

रक्त परीक्षण: सीरम B12 स्तर और संपूर्ण रक्त गणना (CBC) से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का पता लगाया जाता है.

शिलिंग परीक्षण: यह परीक्षण अवशोषण की क्षमता जांचता है, हालांकि इसका उपयोग अब कम होता है.

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कैसे करें ठीक?

विटामिन B12 की कमी को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

आहार में सुधार: मछली (सैल्मन, टूना), झींगा, लाल मांस, कलेजी, और अंडे में B12 प्रचुर मात्रा में होता है.

डेयरी उत्पाद: दही, दूध, और चीज़ अच्छे स्रोत हैं.

फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ: शाकाहारियों के लिए फोर्टिफाइड सीरियल्स, सोया दूध, और बादाम का दूध उपयोगी हैं.

जीवनशैली में बदलाव

शराब और अत्यधिक चीनी या सैचुरेटेड फैट से बचें, क्योंकि ये अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं.

नियमित रक्त परीक्षण करवाकर B12 स्तर की निगरानी करें.

(नोट: अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से जरूर परामर्श करें.)

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