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दिन और रात के सोने में क्या है फर्क? किस समय सोना आपके स्वास्थ के लिए है लाभदायक

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दिन और रात के सोने में क्या है फर्क...?

Best Sleeping Routine: नींद मानव दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है, मानव शरीर और ब्रेन को रिचार्ज करने के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी है. आधुनिक लाइफ स्टाइल ने लोगों की दिनचर्या को काफी प्रभावित किया है. आजकल नाइट वर्क और नाइट कल्चर का चलन काफी बढ़ा है. नाइट वर्क में लोग नाइट शिफ्ट में ऑफिस में देर रात तक काम करते हैं, वहीं नाइट कल्चर में लोग देर रात तक एन्जॉय करते हैं और जागते है, जिससे उनकी नींद पूरी नहीं होती और दिन में सोकर वो अपनी नींद को पूरा करते हैं.

हालांकि दिन में नहीं सोना चाहिए ये बात आपने कभी न कभी जरूर सुनी होगी. एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए दोपहर में 15-20 मिनट की नींद यानी झपकी लेना अच्छा होता है. इससे ज्यादा नींद लेना अनहेल्दी हो सकता है. ऐसे में जो लोग दिन में घंटों सोते हैं, उनके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि दिन में सोने और रात के सोने में क्या फर्क है. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं:

दिन और रात के सोने में फर्क

एक्सपर्ट के मुताबिक दिन और रात में 7 घंटे के लिए सोने में काफी फर्क है. जब आप सोते हैं तो आपके बैक्टीरिया भी सोते हैं और जो आप खाना खाते हैं वह आंतों में मौजूद बैक्टीरिया द्वारा प्रोसेस होता है. ऐसे में जब आप रात में खाना खाते हैं तो बैक्टीरिया आपकी आंतों में से 15 पर्सेंट कैलोरी को खींचते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं दिन और रात के सोने में बहुत अंतर है. जब आप रात में सोते हैं तो मेलेटोनिन बढ़ता है जिससे नींद आती हैं जिसके लिए अंधेरा ही चाहिए होता है.

शाम के बाद अंधेरा होते ही शरीर में मेलेटोनिन नाम का हार्मोन बनता है. यह हार्मोन हमारे नींद के चक्र को नियंत्रित करता है और हमें नींद लाने में सहायक होता है. रात के अंधेरे में जब यह तेजी से बनता है तो तेज नींद आने लगती है. इसीलिए रात में सोने का मन करता है लेकिन जो लोग नींद को टालते रहते हैं और रात में जागते हैं, उनमें इस हार्मोन के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और इससे नींद कम होने लगती है. ऐसे में अगर कोई दिन के उजाले में चाहे खूब अंधेरा करके भी सो रहा है तो यह हार्मोन उसके शरीर में रात वाली गति से नहीं बन पाता है. हालांकि, दिन के समय आप पावर नैप ले सकते हैं.

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रात में नींद क्यों जरूरी है?

नींद का प्राकृतिक समय रात का ही होता है, क्योंकि मेलाटोनिन अंधेरे में ही रिलीज होता है. रात की नींद, दिन के मुकाबले ज्यादा बेहतर होती है. रात को सोने से हमारा शरीर अगले दिन के लिए ज्यादा एक्टिव और रिकवर हो जाता है. रात को सोने से ब्रेन फंक्शनिंग में भी सुधार होता है. रात को सोने से हमारी इम्यूनिटी इम्प्रूव होती है.

इन कारणों से एक्सपर्ट कहते हैं कि 7 से 8 घंटे रात को सोने से ही शरीर को फायदा होगा और सोने का सही समय भी यही है. मतलब आप जरूरी काम के चलते तो रात में जाग सकते हैं लेकिन अगर काम नहीं है तो समय पर सोना और रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेना स्वास्थ के लिहाज से बहुत अच्छा होता है.

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