Indian Army Day 2025: आज (15 जनवरी) देश भर में 77वां भारतीय थल सेना दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन भारतीय सेना की वीरता से परिपूर्ण गाथाओं और कर्तव्यनिष्ठा पर गर्व और सम्मान करने का दिन है. मातृभूमि की रक्षा के प्रति हमारे जवानों की निःस्वार्थ सेवा और समर्पण पर सभी देशवासियो को गर्व है.
सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्ताँ को बयान करता है. जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कोने-कोने में शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ भारतीय सेना की मुख्य उपलब्धियों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
आप सब के मन में यह जिज्ञासा होगी कि 15 जनवरी के ही दिन सेना दिवस क्यों मनाया जाता हैं.. और इस दिन का क्या इतिहास है..? इन सब सवालों का जवाब हम यहां आपको देंगे.
इतिहास
भारतीय आर्मी का गठन ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1776 में कोलकाता में किया था.इस सेना पर देश की आजादी से पहले ब्रिटिश कमांडर का अधिकार था. साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तब भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही होता था. 2 साल बाद यानी साल 1949 में आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर ने अपना पद छोड़ दिया.
15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना की कमान भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा को सौंप दी गई.यह भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है. यही वजह है कि 15 जनवरी का दिन थल सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर होने के और पदभार संभालने की याद में हर साल इस दिवस को मनाया जाता है.
भारतीय सेना दिवस की थीम
थल सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है. हर साल यह दिन नई थीम के साथ मनाया जाता है.
इस साल “Samarth Bharat, Saksham Sena” यानी समर्थ भारत, सक्षम सेना थीम के साथ मनाया जा रहा है. इसका अर्थ है हर क्षेत्र में समर्थ इस देश की सेना हर कठिन परिस्थिति के लिए सक्षम है.
युवा पीढ़ी में देश भक्ति और सेवा की भावना को प्रेरित करने का अवसर
‘थल सेना दिवस’ युवा पीढ़ी को सेना के प्रति आकर्षित करने और उन्हें देश सेवा के प्रति प्रेरित करने का अवसर है. इस दिन विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो छात्रों में देशभक्ति और सेवा की भावना को बढ़ावा देते हैं. ‘थल सेना दिवस’ उन अनगिनत बलिदानों का स्मरण है जो हमारी सेना ने हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए दिए हैं.यह हमें यह सिखाता है कि हमारी सेना हमारी सुरक्षा और स्वाभिमान की आधारशिला है…