Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की घोषणा हो चुकी है. नतीजों में NDA को स्पष्ट बहुमत मिल चुका है और अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. हालांकि, इस चुनाव में कई उटल-फेर देखने को मिले हैं, जो पहले कभी देखने को नहीं मिला. इस चुनाव में किसी भी पार्टी को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिला. गौरतलब है कि, 2014 और 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला और NDA की सरकार बनी. अब इस चुनाव के नतीजों को देखें तो गठबंधन की सरकारों का दौर एक बार फिर से लौट गया है.
इन सभी पार्टियों ने खुद को गठबंधन से रखा दूर
लोकसभा चुनाव 2024 में किसी कई दिग्गज धराशायी हो गए. इनमें मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) से लेकर नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (BRS) जैसी पार्टियां शामिल हैं. अपने राज्य में राष्ट्रीय दलों को चुनौती देने वाली इन पार्टियों ने खुद को गठबंधन से दूर रखा. हालांकि अकेले ही चुनाव लड़ रही इन पार्टियों के प्रत्याशी एक भी सीट नहीं जीत सके. इसमें सबसे पहला नाम है मायावती की अगुवाई वाली BSP.
यूपी विधानसभा चुनाव में भी था BSP का यही हाल
तीन दशकों में यह दूसरी बार है जब मायावती की पार्टी BSP ने लोकसभा चुनाव में एक भी सीट अपने नाम नहीं कर पाई है. वहीं वोट शेयर भी गिरकर 9.33 फीसदी पर आ गया. गौरतलब है कि, 2019 के लोकसभा चुनाव में BSP-सपा का गठबंधन था और तब BSP को 19.4 फीसदी वोट शेयर मिले. वहीं, 10 सीटों पर जीत मिली थी. इससे पहले 2022 के यूपी चुनाव में भी अकेले लड़कर BSP एक सीट पर सिमट गई थी.
तेलंगाना में के चंद्रशेखर की पार्टी BRS का सफाया
आंध्र प्रदेश से अलग होकर पृथक राज्य बनने के बाद से ही तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव का राज्य की राजनीति में दबदबा देखने को मिला है. उनकी पार्टी BRS ने दो बार बहुमत हासिल की है और वह लगातार दो बार तेलंगाना के सीएम रहे. अब 2019 के विधानसभा चुनाव में हारने के बाद से इस लोकसभा चुनाव में BRS का सफाया हो गया है. लंबे समय तक सूबे की सत्ता के शीर्ष पर काबिज रही BRS को 16.68 फीसदी वोट शेयर मिले. इसके बावजूद एक भी सीट नहीं जीत सकी.
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ओडिशा में एक सीट के लिए तरसे नवीन पटनायक
ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव भी हुए. साल 2000 में पहली बार ओडिशा के सीएम बने नवीन पटनायक 2024 तक सत्ता में रहे. अब इस बार के चुनाव में नवीन पटनायक के हाथ से राज्य की सत्ता तो गई ही, साथ ही लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी एक सीट के लिए तरस गई. हालांकि इस चुनाव में उनका वोट शेयर 37.53 फीसदी रहा. वहीं 12.52 फीसदी वोट शेयर के साथ कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की.