Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 21 राज्यों की 102 सीटों पर कल यानी 19 अप्रैल को मतदान होंगे. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को लेकर राजनीति जोरों पर है. इस बीच कुछ जगह मॉक पोल के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाने की खबरों पर निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में उन आरोपों को गलत बताया. आरोपों में कहा गया था कि केरल के कासरगोड में हुए मॉक पोल के दौरान EVM से डाले गए वोट और वीवीपैट के पर्चियों की संख्या में अंतर पाई गई थी. जांच में एक वोट ज्यादा पाया गया था.
यह आरोप झूठे- वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट न EVM के जरिए डाले गए मतों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपीएटी) से पूर्ण सत्यापन करने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. बताते चलें कि वीवीपीएपी एक वोट सत्यापन प्रणाली है, जो एक मतदाता को यह देखने में सक्षम बनाती है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया या नहीं. इस पर वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया कि यह खबरें झूठी हैं. हमने आरोपों की जांच जिला कलेक्टर से कराई और सामने आया कि यह आरोप झूठे थे. हम अदालत को जल्द विस्तृत रिपोर्ट सौंप देंगे.
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LDF चुनाव आयोग से करेगा शिकायत
इससे पहले एक दिन में सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह को इस मुद्दे पर गौर करने का अनुरोध किया. याचिकाकर्ता एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ADR) की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि मॉक पोल के दौरान EVM ने एक वोट ज्यादा दिखाया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-M नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने गुरुवार को कहा कि वह कासरगोड लोकसभा क्षेत्र में हुए एक मॉक पोल के दौरान कुछ वोटिंग मशीनों में कथित तौर पर BJP उम्मीदवार के पक्ष में गलत तरीके से वोट दर्ज करने को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराएगा.