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क्या कंगना पर बयान देकर कांग्रेस ने अपने पैर पर मारी है कुल्हाड़ी?

Kangana vs Supriya

Kangana vs Supriya

Kangana vs Supriya: हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा की उम्मीदवार और अभिनेत्री कंगना रनौत के बारे में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से शुरू हुए राजनीतिक विवाद के कारण दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. हालांकि, इस घटनाक्रम ने भाजपा को कांग्रेस को हराने के लिए एक और छड़ी दे दी है. इससे पहले बीजेपी ने राहुल गांधी के शक्ति वाले बयान पर जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. अब बीजेपी ने श्रीनेत को पार्टी के सोशल और डिजिटल मीडिया प्रमुख के पद से बर्खास्त करने की मांग की है, वहीं कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि यह टिप्पणी किसी ऐसे व्यक्ति ने पोस्ट की थी जिसके पास उनके खातों तक पहुंच थी.

व्यक्तिगत टिप्पणी से हो सकता है कांग्रेस का नुकसान

अब भले ही सुप्रिया श्रीनेत की ने इस आपत्तिजनक पोस्ट को डिलीट कर दिया है और अपनी सफ़ाई भी दे दी है. लेकिन बावजूद इसके बीजेपी ने उनके बयान को लेकर हमलावर रुख़ अपनाया हुआ है. यहां तक की राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर श्रीनेत के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर डाली है. अब सवाल उठ रहा है कि कंगना के खिलाफ इस बयान से क्या कांग्रेस ने सेल्फ गोल कर दिया है. आइये जानते हैं कि कांग्रेस को इससे कितना नुकसान हो सकता है?

कंगना ने क्या कहा?

श्रीनेत की बात तो हो गई. अब जरा जान लेते हैं इस मसले पर कंगना ने क्या कहा? दरअसल, अपने खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कंगना ने बेहद शालिनता के साथ लिखा, “प्रिय सुप्रिया जी, मैंने अपने करियर एक कलाकार के तौर पर पिछले 20 सालों में कई महिलाओं का किरदार निभाया है.”

“मैंने क्वीन फिल्म में भोली-भाली लड़की तो मणिकर्णिका में एक देवी का रोल भी किया है. वहीं चंद्रमुखी में राक्षस तो रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेता तक की भी भूमिका निभाया है. हमें अपने देश की बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए. हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में उत्सुकता से ऊपर उठना चाहिए.” इतना ही नहीं, कंगना आगे लिखती हैं, “हमें यौनकर्मियों के चुनौतीपूर्ण जीवन और हालातों को दुर्व्यवहार या अपमान के रूप में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. हर महिला सम्मान से जीने का अधिकार है.”

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महिलाओं के खिलाफ पहले भी की जा चुकी है टिप्पणी

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं के बयान न केवल पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है बल्कि ये दुर्भाग्यपूर्ण भी है. इससे पहले भी कई नेताओं ने अपने बयानों और पोस्ट के जरिये कई मौके पर महिलाओं और महिला नेताओं के चरित्र पर सवाल उठाया है. ऐसा नहीं है कि यह बयानबाजी केवल राजनीति में होती है. हर जगह महिलाओं के लिए एक जैसा ही सिस्टम है. फिर चाहे वो नेता हों या फिल्मी स्टार, डॉक्टर हों या इंजीनियर. चाहे कोई भी मुद्दा हो वार हमेशा महिलाओं के कैरेक्टर पर ही किया जाता है.

इतना ही नहीं साल 2012 में स्मृति ईरानी पर व्यक्तिगत टिप्पणी किया गया था. उस साल कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान एक्ट्रेस से राजनेता बनीं स्मृति ईरानी को टीवी पर ठुमका लगाने वाली कहा था.

 

 

 

 

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