Madhya Pradesh News: NDA गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद अब सुगबुगाहट इस बात को लेकर है कि मोदी 3.0 (Modi New Cabinet) सरकार में किन चेहरों को मंत्री के रूप में मौका मिलेगा. मध्य प्रदेश की अगर बात की जाए तो मोदी की संभावित टीम में ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा सहित कई नेता दावेदार हैं. मोदी की संभावित टीम में मध्य प्रदेश के किन नेताओं को जगह मिलेगी, इस पर कयासबाजी जोरों पर है, क्योंकि दावेदारों की सूची बहुत लंबी है.
राज्य की जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा का पूरा साथ दिया. यहीं कारण है कि सभी 29 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है. इस बार सांसद बनने वालों में करीब छह ऐसे नेता हैं, जिनका मंत्री पद को लेकर स्वाभाविक अधिकार बनता है. सबसे बड़ा दावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बनता है. वह छठी बार सांसद बने हैं. इससे पहले चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. संगठन में भी वह बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं.
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ज्योतिरादित्य सिंधिया दूसरे बड़े दावेदार
दूसरे बड़े दावेदार गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) हैं. वह भाजपा से पहली बार लोकसभा के सांसद निर्वाचित हुए हैं. वैसे लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर यह उनकी पांचवीं जीत है. वर्ष 2019 में वह कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव हार गये थे. वहीं शुभंकर अध्यक्ष कहे जाने वाले वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चल रहे एक्सटेंशन पर हैं, लेकिन अब उनकी राह दिल्ली की ओर है.
राज्य में भाजपा को मिली बड़ी सफलता का श्रेय संगठन को जाता है और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (VD Sharma) दूसरी बार बड़े अंतर से खजुराहो से निर्वाचित हुए हैं. उनका अध्यक्ष का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है. वह एक्सटेंशन पर हैं. इस आधार पर मोदी टीम में शर्मा को भी जगह मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा अनुसूचित जनजाति वर्ग से बड़ा दावा फग्गन सिंह कुलस्ते का है, जो सातवीं बार मंडला से निर्वाचित हुए हैं, वहीं अनुसूचित जाति वर्ग से डॉ. वीरेंद्र कुमार दावेदारी ठोक रहे हैं. वह आठवीं बार निर्वाचित हुए हैं.
मध्य प्रदेश से जीते सांसदों में से 6 महिलाएं
मध्य प्रदेश से इस बार लोकसभा चुनाव में छह महिलाएं निर्वाचित हुई हैं. इनमें तीन आरक्षित वर्ग से आती हैं. वहीं, राज्यसभा में भी दो महिला सांसद राज्य से ही प्रतिनिधित्व कर रही हैं. कुल मिलाकर महिला सांसदों की संख्या आठ है. राज्य से कम से कम एक महिला को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की उम्मीद हर किसी को है.
“गठबंधन को संतुष्ट करने पर रहेगा ध्यान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार मध्य प्रदेश से ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले इसको लेकर संशय है. इसकी वजह यह है कि केंद्र में सरकार सहयोगी दलों के समर्थन से बन रही है और उन दलों को संतुष्ट करना पार्टी की पहली प्राथमिकता होगी. इससे पहले राज्य से छह केंद्रीय मंत्री तक रहे हैं, मगर इस बार ऐसा होने की संभावना कम है.