Lok Sabha Election 2024: माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के मौत के बाद सियासी दल उनके परिवार के साथ खड़े दिख रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार, (7 अप्रैल) को सपा प्रमुख अखिलेश यादव गाजीपुर पहुंचकर संदेश दिए की वो भी अंसारी परिवार के साथ हैं. यहीं नहीं अखिलेश मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच की भी मांग कर रहे हैं. इस बीच इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि अखिलेश की नजर पूर्वांचल में मुख्तार के प्रभाव वाले इलाकों में उसको मानने वाले वोटरों पर है. खासतर तौर पर मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए सपा के अलावा और भी कई क्षेत्रीय दल मुख्तार से हमदर्दी जताते हुए दिख रहे हैं.
मुख्तार अंसारी के परिवार के साथ हमदर्दी जताने वालों में अखिलेश ही नहीं ओपी राजभर की सुभासपा और निषाद पार्टी भी कदम से कदम मिलाकर चल रही है.ये सभी पार्टियां मख्तार को गरीबों का मसीहा बता रही है. आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सुभासपा के कोटे घोषी सीट दी है, जहां मुख्तार अंसारी का काफी प्रभाव रहा है. इनके अलावा एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी,स्वामी प्रसाद मौर्य और आजमगढ़ से सपा उम्मीदवार धर्मेंद यादव भी गाजीपुर पहुंच उसको श्रद्धांजलि दिए थे.
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मुख्तार परिवार से अखिलेश की दूरी
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी परिवार और सपा के बीच 2022 से पहले नजदीकियां शुरू हो गई थी. मुख्तार और उसके परिवार से से सपा की नजदीकी 2021 में बढ़ने लगी.हालांकि एक समय ऐसा भी था जब यूपी का मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने मुख्तार के परिवार की एंट्री सपा में बंद कर दी थी. आपको बता दें कि इससे पहले वह साल 2011 में भी डीपी यादव को सपा में शामिल नहीं होने दिए. मुलायम यादव और शिवपाल यादव के चाहने के बावजूद भी अखिलेश अपने फैसले पर कायम रहे. लेकिन इसके बाद अखिलेश मुख्तार के परिवार के प्रभाव को देखते हुए पूर्वांचल के कुछ हिस्सों में सहयोग लेने में गुरेज नहीं किया. गाजीपुर, घोसी, वाराणासी, जौनपुर, मऊ, लालगंज, बलिया और आजमगढ़ समेत कुछ सीटों पर परिवार का मुस्लिम समुदाय में अच्छी पकड़ है.यहीं वह वजह है कि अखिलेश के अलावा अन्य क्षेत्रीय दल भी उसके समर्थन में खड़े हैं.
बेटा सुभासपा तो भतीजा सपा विधायक
साल 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर की पार्टी और अखिलेश यादव ने गठबंधन में लड़ा था. जिसमें मुख्तार अंसारी की मऊ सीट सुभासपा के कोटे में आई. यहां से सुभासपा के टिकट पर मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी चुनाव जीतकर विधायक बन गया. जबकि मुख्तार के बड़े भाई सिगबगतुल्ला के बेटे सुहैब अंसारी मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से सपा का टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.