Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने पश्चिम बंगाल से पार्टी के सांसद दिलीप घोष को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. सीएम ममता बनर्जी पर दिए गए बयान के बाद बीजेपी सांसद को यह नोटिस जारी किया गया है. नोटिस जारी करते हुए बीजेपी ने सांसद से यह बताने के लिए कहा है कि उन्होंने सीएम ममता बनर्जी के बारे में इस तरह की बात क्यों कही है और उनसे माफी मांगने के लिए भी कहा गया है. इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा, “मेरी भाषा को लेकर आपत्ति जताई गई है, मेरी पार्टी की ओर से स्पष्टीकरण मांगा गया है, अगर ऐसा है तो मैं इसके लिए दुखी हूं. पार्टी द्वारा जारी किए नोटिस का जवाब मैं आधिकारिक रूप से दूंगा.
भाजपा सांसद ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) के साथ मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, यह मेरा राजनीतिक बयान था, लेकिन मैं प्रश्न करूंगा कि आपके (TMC) पार्टी के नेता हमारे नेता(सुवेंदू अधिकारी) और उनके पिता को लेकर कई अपशब्द का प्रयोग कर चुके हैं, क्या उनका कोई मान-सम्मान नहीं है?, TMC ने तब कोई आपत्ति नहीं जताई? सुवेंदु अधिकारी एक पुरुष हैं, क्या इसलिए उनके लिए इस्तेमाल किए गए अपशब्द पर किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई?”
क्या है यह मामला?
दरअसल, बीजेपी सांसद और पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने अपने सोशल मीडिया के एक्स प्लेट फॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया था. शेयर किए गए वीडियो में टीएमसी के चुनावी नारे ‘बांग्ला निजेर मेयेके चाई’ (बंगाल अपनी बेटी चाहता है) का मजाक उड़ाते हुए दिखाया गया था.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नोटिस जारी कर दिलीप घोष से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। pic.twitter.com/SVHZ7BMhnc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 26, 2024
ये वीडियो शेयर करते हुए दिलीप घोष ने लिखा, ‘जब वह गोवा जाती हैं तो कहती हैं कि वह गोवा की बेटी हैं. त्रिपुरा में वह कहती हैं कि वह त्रिपुरा की बेटी हैं. पहले, उन्हें यह स्पष्ट करने दीजिए कि….’ इस वीडियो के जरिए सीएम ममता के पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक उड़ाते हुए सुनाया गया है.
टीएमसी ने चुनाव आयोग से की शिकायत
बीजेपी सांसद दिलीप घोष इस बार भी बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद के बयान से खिलाफ टीएमसी ने भारत निर्वाचन आयोग के पास शिकायत दर्ज की है. आयोग के पास की गई शिकायत में आरोप लगाया कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता का ”घोर उल्लंघन” किया है.