Lok Sabha Election 2024: राजगढ़ जिले में दिग्विजय सिंह की अपील का एक पर्चा वायरल हो रहा है. जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने अपने संदेश में लिखा है कि मैंने सदैव सत्य की रक्षा के लिए निडर होकर आवाज उठाई है. उन्होंने पर्चे में सनातन धर्म के सिद्धांतों पर चलने की भी बात लिखी है. इस अपील में आगे लिखा है कि भाजपा धर्म के नाम पर मेरे खिलाफ मनगढ़ंत मुद्दे बनाकर बहकाने का प्रयास करती रहती है. इसलिए आपको सचेत कर रहा हूं.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की यह अपील पत्र राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में घर-घर बांटे जा रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने अपने अपील पत्र में सनातन के सिद्धांतों पर चलने के अलावा और भी कई बातें कही है. आइए जानते हैं कि राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ने जनता से क्या-क्या अपील किए हैं.
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देश में आम चुनाव चल रहे हैं. काग्रेस पार्टी में 32 साल बाद पुन: राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से मुझे अपना प्रत्याशी बनाया है. यह अवसर आपके साथ हमारे संबंध को फिर से साबित करने का और मजबूती देने का है.
राधौगढ़ मेरी जन्मभूमि और राजगढ़ मेरा कर्म क्षेत्र रहा है. मैंने सामाजिक जीवन की शुरुआत और जिम्मेदारियों का पहला पाठ यहीं से सीखा. इसी मिट्टी का तिलक लगाकर मैं आगे बढ़ा और राजनीति में अनेक मुकाम हासिल किए. आपका विश्वास आज तक मैं अपने साथ महसूस करता हूं और इस कर्मभूमि को अपनी जिम्मेदारी मानकर चलता हूं. अपने सामर्थ्य-भर में आपकी सेवा एवं मदद के लिए सदैव तत्पर भी रहता हूं. कभी साथी, कभी अभिभावक के रूप में आपके बीच पचास साल से काम कर रहा हूं.
लेकिन कुछ दिनों से महसूस कर रहा हूं कि समय के साथ चलने में यह क्षेत्र पिछड़ रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार एवं पेयजल के मामले में मेरे कार्यकाल के बाद कुछ काम नहीं हुआ. महसूस कर रहा हूं कि सभी वर्ग मगर खास तौर पर महिलाएं और बच्चे इसमें सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.
महिलाओं को शिक्षा के साथ-साथ दकियानूसी रिवाजों से भी मुक्ति दिलाने की आवश्यकता बढ़ गयी है.
मैंने सत्य की रक्षा के लिये सदैव निडर होकर आवाज उठाई है और सनातन धर्म के सिद्धान्तों पर चलता रहा हूं. लेकिन राजनीतिक जीवन में वोटों के लिए मैंने अपने आराध्य को कभी इस्तेमाल नहीं किया. हमारे घर यानी राघौगढ़ के किले में राघोजी की 300 साल से चली आ रहीं पूजा हो या नर्मदाजी की 3300 किलोमीटर से ज्यादा लबी परिक्रमा हो, पूरी निष्ठा से दोनों संकल्पों को जिया है. 30 साल से हर आषाढी एकादशी को में पंढरपुर में विद्धोबा के दर्शन करने भी जाता हूं. यह सब लिखकर मुझे आपके सामने भक्ति का सबूत प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं. लेकिन प्रतिद्वंद्वी भाजपा धर्म के नाम पर मेरे खिलाफ मनगढ़त मुद्दे बनाकर बहकाने का कुत्सित प्रयास करती रहती है. इसलिए आपको सचेत कर रहा हूं कि बहकावे में आए बिना अपने हित को ध्यान में रखकर वोट कीजिएगा.
मैं राजगढ़ लोकसभा के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में आपके समक्ष हूं. लेकिन मैं उम्मीदवार इसलिए नहीं हूं कि मुझे किसी से लड़ना है. बल्कि इसलिए हूं कि समय के साथ बदल रहे नए संबंधों को मुझे आगे बढ़ाना है. अपने कर्मक्षेत्र में लौटकर इस मिट्टी के साथ अपने जुड़ाव को नई ऊर्जा देना है. राजगढ़ को एक नए मुकाम पर ले जाना है.
बीते पचास साल के राजनैतिक जीवन में मैंने अनेक उतार-चढ़ाव के बावजूद जनसेवा को ही जीवन का लक्ष्य माना है. आज भी जब-जहां-जैसी जरूरत होती है मैं जनता के मुद्दों के साथ जनता के बीच ही रहता हूं.