Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में सियासी मंच तैयार हो चुका है. राजनीतिक दल वोटरों को साधने के लिए अपने रणनीतियों को जमीन पर लागू करना शूरू कर दिया है. स्थानीय मुद्दे और जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए पार्टी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए सभी पहलुओं पर काम कर रही हैं. इस आम चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी सपा यूपी में 40 फीसदी से ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य बना कर चल रही है.
समाजवादी पार्टी का यह लक्ष्य बिल्कुल उसी तरह है जैसे भारतीय जनता पार्टी राज्य की 40 फीसदी से ज्यादा वोटों को अपने पाले में करने की कोशिश में लगी है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दो महीने में दो करोड़ पीडीए परिवारों से मुलाकात करने के महाअभियान की शुरुआत कर दी है. पिछले महीने से शुरू हुआ ये अभियान युद्धस्तर पर जारी है और आगे के चरण में तेजी लाई जा रही है.
सपा के निशाने पर पीडीए वोटर
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले से ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव पीडीए को काफी तवज्जोह देते आ रहे हैं. पीडीए यानी की पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वोटर इस अभियान के सबसे अधिक टारगेट पर हैं. उनसे विशेष तौर पर संपर्क साधकर उन्हें जातीय जनगणना, सामाजिक न्याय तथा आरक्षण के मुद्दे पर पार्टी की नीतियों से अवगत कराया जा रहा है. पिछले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा करीब 32 फीसदी वोटरों को अपने पक्ष में लाने में सफल रही थी. इससे पहले 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 10 फीसदी वोटों की बढ़ोतरी हुई थी. बताते चलें कि 2017 विधानसभा चुनाव में सपा का वोट शेयर केवल 21.8 फीसदी था.
मतदाताओं को पार्टी के साथ जोड़ने का अभियान
पीछले विधानसभा चुनाव के वोट शेयर में करीब दस फीसदी की बढ़ोत्तरी के मकसद से सपा माइक्रो लेवल पर मतदाताओं को साथ जोड़ने के अभियान में जुटी हुई है. जिसको देखते हुए पार्टी बूथ मैनेजमेंट पर सबसे अधिक जोर दे रही है. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सपा ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के 8-10 लोगों की एक टीम बनाकर बूथ स्तर पर काम करना शुरू किया है. हर बूथ पर पीडीए काडर से जुड़े दस लोगों की टीम मतदाताओं को जोड़ने के अभियान में जुटी हुई है.
समाजवादी पार्टी ने बाकायदा ब्लॉक स्तर पर भी तैयारियां शुरू की हैं. पार्टी ने हाल ही में ब्लाक इकाई की व्यवस्था को भी बहाल करने का फैसला लिया है. सपा इससे पहले एक बूथ सत्यापन अभियान भी चला चुकी है जिसके तहत वोटर लिस्ट, बूथ, पोलिंग स्टेशन आदि का सत्यापन और गड़बड़ियों की छानबीन का अभियान चलाया गया था.