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मोहन से लेकर सैनी और उदयवीर से लेकर हर्ष मल्होत्रा तक… नए चेहरों को आजमाने से बीजेपी को परहेज नहीं!

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: क्या बीजेपी में ‘पीढ़ी परिवर्तन’ का दौर शुरू हो चुका है? लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की दो सूची सामने आ गई है. अगर सूची को गौर से देखा जाए तो पता चलेगा कि इसमें 68 सांसदों को बदला जा चुका है…पार्टी ने कहीं-कहीं 70 साल के उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है. लेकिन कई जगह मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर उन चेहरों को टिकट दिया गया है, जो या तो पहली बार चुनावी राजनीति में आए हैं या पार्षद से लेकर यहां तक का सफर पूरा किया हो….

‘अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा’- करीब 43 साल पहले बीजेपी के स्थापना दिवस अधिवेशन को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी का यह आखिरी उद्घोष था. ये कमल ऐसा खिला कि 2 सीटों वाली पार्टी 300 सीटों तक पहुंचने के बाद आज 370 सीटों का दावा कर रही है. लेकिन ये सब इतना आसान नहीं रहा है. हर पार्टी में कुछ बड़े चेहरों के बाद पार्टी लाइन को, परंपरा को आगे ले जाने की जिम्मेदारी नए चेहरों की होती है और अब बीजेपी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग क्षेत्रों में यह करती नजर आने लगी है.

चार राज्यों में नए चेहरों को सीएम की कुर्सी

पहले छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय. फिर मध्य प्रदेश में मोहन यादव… इसके बाद राजस्थान में भजनलाल शर्मा और हरियाणा में नायब सिंह सैनी…चौंकाने वाली राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ने अब ‘महारत’ हासिल कर ली है. राजनीति के जानकारों की मानें तो बीजेपी ने पार्टी में पीढ़ी परिवर्तन का इशारा कर दिया है…और इसलिए भी पहले राज्य से शिवराज को केंद्र तक लाने की तैयारी हुई… और अब हरियाणा से मनोहर लाल खट्टर को…

कम चर्चित चेहरों को शीर्ष पदों पर ज़िम्मेदारी सौंपने का सिलसिला जो भारतीय जनता पार्टी ने शुरू किया है वो विश्लेषकों की समझ से परे है क्योंकि पार्टी के इस क़दम की अलग अलग तरीक़े से व्याख्या की जा रही है. दिग्गजों को दरकिनार कर पार्टी ने उन नेताओं के हाथों में राज्यों की कमान सौंपी है जिनके नाम किसी फ़ेहरिस्त में दूर-दूर तक नहीं रहे.

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हर स्तर पर होता है कार्यकर्ताओँ का प्रमोशन: बीजेपी नेता

हाल ही में बीजेपी के एक नेता ने कहा था… यह कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. इसलिए हर स्तर पर कार्यकर्ताओं का प्रमोशन होता रहता है. बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक का सफर कार्यकर्ता अपनी मेहनत और ईमानदारी से तय करते हैं…कई बड़े चेहरों और उनके दावों को दरकिनार कर भजन लाल शर्मा को सीएम बनाया, जिन्होंने संघ की स्टूडेंट विंग ABVP में काम करने से लेकर पार्टी के युवा मोर्चा में भी जिम्मेदारी संभाली और विधायक बनने तक का सफर पूरा किया. इसी तरह मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान की जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया. छत्तीसगढ़ में भी पार्टी के सीनियर नेताओं की जगह विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई. हाल में बीजेपी ने हरियाणा में भी मुख्यमंत्री बदला और मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया है.

दिल्ली में भी 6 सांसदों को बदला

अगर देश की राजधानी में ही देखें तो बीजेपी ने यहां से अपने मौजूदा सात सांसदों में से छह का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को लोकसभा उम्मीदवार बनाया है, जो पहली बार चुनावी राजनीति में उतरी हैं. बीजेपी ने दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा, योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सेहरावत को भी उम्मीदवार बनाया है जो नगर निगम की राजनीति से आगे बढ़े हैं…

मोदी-शाह और जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा 10 साल में छह राज्यों से इक्कीस राज्यों में भाजपा अकेले या सहयोगियों के साथ सत्ता में है. आज भाजपा उस ऊंचाई पर है जहां पहुंचने का उसके संस्थापकों ने सपना देखा होगा. शिखर पर पहुंचना जितना कठिन होता है उससे ज्यादा मुश्किल उस पर टिके रहना होता है. 2024 में इसी शिखर पर टिके रहने की चुनौती है और बीजेपी आलाकमान इस चुनौती को स्वीकार करते हुए शीर्ष पर कायम रहने के लिए सियासी लड़ाई लड़ रहा है.

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