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Lok Sabha Election: बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट की जारी, बस्तर और जांजगीर-चांपा से इन्हें दिया टिकट

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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती

Lok Sabha Election: बहुजन समाज पार्टी ने छत्‍तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्‍याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. बसपा की पहली सूची में 2 सीटों से प्रत्‍याशियों के नामों की घोषणा की गई है. पार्टी की तरफ से जारी सूची में एसटी आरक्षित बस्‍तर सीट से पार्टी ने आयतु राम मंडावी को मैदान में उतारा है. तो वहीं एससी आरक्षित जांजगीर-चांपा सीट से डॉ. रोहित कुमार डहरिया को टिकट दिया है.

बसपा के प्रत्याशियों की लिस्ट

बस्‍तर लोकसभा सीट से आयतु राम मंडावी को मिला टिकट

बसपा ने बस्तर लोकसभा सीट से आयतु राम मंडावी को टिकट दिया है. बता दें कि आदिवासी बाहुल्य बस्तर लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. यह सीट 1952 में पहली बार अस्तित्व में आई थी. यहां से मौजूदा सासंद कांग्रेस के दीपक बैज हैं. 2019 में दीपक ने बीजेपी के बैदूराम कश्यप को हराया था. मोदी लहर के बाद भी दीपक बैज इस सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे है. माना जा रहा था कि इस सीट पर कांग्रेस फिर से दीपक बैज उम्मीदवार हो सकते हैं लेकिन सीनियर नेता कवासी लखमा की एंट्री के कारण सीट होल्ड हो गई. वहीं इस बार बीजेपी ने धर्मातंरण के खिलाफ लड़ने वाले महेश कश्यप को चुनावी मैदान में उतारा है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव तीन चरणों में होगा. नक्सली वारदातों से प्रभावित होने के कारण बस्तर हाई प्रोफाइल सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है.

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जांजगीर-चांपा से बसपा ने डॉ. रोहित कुमार डहरिया पर जताया भरोसा

बसपा ने जांजगीर-चांपा से डॉ. रोहित कुमार डहरिया पर भरोसा जताया है. रोहित डहरिया वर्तमान में जांजगीर-चांपा से बसपा के जिलाध्यक्ष हैं. इससे पूर्व वे जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर निर्वहन कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस ने जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया को उम्मीदवार बनाया है. जबकि भाजपा ने कमलेश जांगड़े को इस सीट पर प्रत्याशी बनाया है.

इस लोकसभा सीट में आने वाले ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में बसपा का लंबे समय से दबदबा रहा है. राज्य गठन के बाद जितने विधानसभा चुनाव हुए हर बार बसपा ने एक या दो सीट जीती है. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में बसपा का सुपड़ा साफ हो गया. बसपा के बड़े नेता बीजेपी में चले गए. इसलिए कांग्रेस और बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है.

राज्य की 11 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी बसपा

बता दें कि इस बार बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के बीच गठबंधन की बात चल रही थी. दोनों पार्टी छत्‍तीसगढ़ में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. पार्टी नेताओं के अनुसार गठबंधन नहीं हो पाया है. बसपा के प्रदेश अध्‍यक्ष श्‍याम टंडन ने बताया कि पार्टी इस बार राज्‍य की सभी 11 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

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