Lok Sabha Election: सरगुजा लोकसभा सीट के बलरामपुर जिले में आने वाले कुरडीह ग्राम पंचायत के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है, क्योंकि पंचायत के चार बस्तियों तक जाने के लिए सड़क नहीं है. यहां जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे इलाज के लिए लोग कांवर में ढोकर अस्पताल तक ले जाते हैं. वहीं इन बस्तियों में बिजली तक नहीं है, तो तीन बस्तियों में न स्कूल है, न आंगनबाडी. इसके कारण यहां के लोग बदहाली के बीच जीवन जी रहें हैं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनके गांव में अब तक कोई वोट मांगने तक नहीं पहुंचा है.
गांवों में ना सड़क है,ना अस्पताल जाने की सुविधा
बलरामपुर के कुसमी ब्लाक में आने वाले कुरडीह जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर है, लेकिन यहां के चलचलचुआ, पियारटोली, घनाडुमर घुईपानी बस्ती तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, क्योंकि यहां तक जाने सड़क नहीं है. सड़क नहीं होने से यहां रहने वाले लोग बेहद परेशान हैं. जब कोई बीमार पड़ता है, या कोई महिला गर्भवती होती है, तो उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ रहा है. वहीं यहां साफ पानी तक नहीं है, लोगों को नाला या खेतों में बने ढोढ़ी का पानी पीना पड़ रहा है. इससे गांव के लोग अक्सर बीमार पड़ते रहते हैं.
ये भी पढ़ें- बीमारी छिपाकर की शादी, हाईकोर्ट ने कहा- यह क्रूरता और महिला के साथ यातना जैसा
जहां स्कूल-आंगनवाड़ी की सुविधा, वहां नहीं आते शिक्षक
चलचलचुआ नामक बस्ती में स्कूल व आंगनबाडी है, लेकिन वे कभी नहीं खुलते हैं, क्योंकि शिक्षक कभी नहीं आते हैं और न ही अफसर. वहीं बाकी तीन बस्तियों में तो स्कूल है न आंगनबाडी. इसकी वजह से बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रहा है. चारों बस्ती मिलाकर 200 से अधिक परिवार यहां रहते हैं. जिसमें पहाड़ी कोरवा जनजाति के सर्वाधिक लोग रहते हैं. जिन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है.
ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार
लोकसभा चुनाव पास है, वहीं यहां के लोगों ने अब इन समस्याओं की वजह से चुनाव का बहिष्कार किया है. इसके बाद अफसरों ने उन्हें मनाने की कोशिश की है, लेकिन गांव के लोगों ने कहा है, कि अब वे तभी वोट देंगे, जब गांव तक पहुंचने के लिए पहले सड़क बनेगी.