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Lok Sabha Election: मायावती ने अखिलेश के कटाक्ष पर दिया जवाब, बोलीं- सपा के कई काम इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज

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मायावती ने अखिलेश के कटाक्ष पर दिया जवाब

Lok Sabha Election 2024: बीते दिन बहुजन समाज पार्टी(Bahujan Samaj Party) चीफ मायावती(Mayawati) ने अपने भतीजे और आकाश आनंद (Akash Anand) को पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटा दिया था. मायावती ने आकाश आनंद को हटाते हुए कहा कि वह उत्तराधिकारी और नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद के लिए अभी परिपक्व नहीं हैं. मायावती के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज किया था. अब इस मामले पर मायावती ने अखिलेश यादव को जवाब दिया है.

‘सपा का चरित्र आज भी आरक्षण विरोधी पार्टी का’

BSP चीफ मायावती ने समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) पर पलटवार किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, ‘BSP संगठन में क्या कुछ चल रहा है, इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिंता नहीं करे तो बेहतर. इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है, इसकी केवल चिंता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है. सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है.’

बिल को संसद में फाड़ना सपा का काम- मायावती

मायावती ने आगे कहा, ‘प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस संबंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं जिसे माफ करना मुश्किल. साथ ही, BSP सरकार की ओर से बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना, सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं.’ बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कटाक्ष किया था.

बाजी BSP के हाथ से निकल चुकी है- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा, ‘ BSP ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है, वह उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है. दरअसल, इसके पीछे असली कारण ये है कि BSP की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है. क्योंकि BSP के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं. इस बात को BSP अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है. इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाजी BSP के हाथ से निकल चुकी है.

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‘INDIA गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट दें’

अखिलेश यादव ने आगे, ‘सच तो ये है कि जब BSP का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है, तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है. ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट खराब न करें और जो बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, INDIA गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं. इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहां डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी BJP को हराएं.

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