Lok Sabha Election 2o24: मध्य प्रदेश के सभी लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. वहीं अब राज्य के नेताओं की निगाहें 4 जून के आने वाले नतीजे पर टिकी हुई है. इसी बीच राज्य सरकार के मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने दावा की है कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ बीजेपी में आना चाहते थे. लेकिन यह संभव नहीं हो सका. इसके साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया की मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर बीजेपी की जीत होने जा रही है. लोकसभा चुनाव में पार्टी ने विजयवर्गीय को छिंदवाड़ा संभाग की जिम्मेदारी देते हुए प्रभारी बनाया था जहां चुनाव पहले चरण में ही संपन्न हुए थे.
एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ”सिर्फ छिंडवाड़ा और मंडला नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की 29 की 29 सीटों पर बीजेपी जीत रही है. छिंदवाड़ा निश्चित रूप से जीतेंगे.” वहीं, कमलनाथ के सवाल पर उन्होंने कहा, ”कुछ बातें सार्वजनिक नहीं की जाती हैं. कमलनाथ आना चाहते थे लेकिन संभव नहीं हो सका और क्यों संभव नहीं हो सका ये मैं नहीं बता सकता. लेकिन इस बारे में विचार जरूर हुआ था.” बताते चलें कि चुनाव की घोषणा से पहले कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने के लेकर काफी चर्चा हुआ था.
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छिंदवाड़ा में कमालनाथ के बेटे बनाम बीजेपी
मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा को कमलनाथ के गढ़ के रूप में जाना जाता है. वर्तमान समय में उनके बेटा नकुलनाथ यहां से सांसद हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने टिकट देकर एक बार फिर उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, इस चुनाव में कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को फतह करने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी की दम लगा रही थी. चुनाव के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस उम्मीदवार छिंदवाड़ा में पैसे बांटे रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की थी कि जिस घर में नकुलनाथ रुके हैं उसकी तलाशी ली जाए.
अक्षय कांति का हमने किया स्वागत – कैलाश विजयवर्गीय
चुनाव के बीच इंदौर लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के बीजेपी में आने के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘वो बीजेपी में आ गए और हमने उनका स्वागत किया. विपक्ष के आरोपों पर कहा ये सब अचानक हुआ. नामांकन वापस लेने पर कहा कि मैं वहां गया भी नहीं था. हां, मैंने सेल्फी ली थी. दरअसल, अक्षय कांति बम को कांग्रेस ने इंदौर से प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनाव से ठीक पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद से कांग्रेस वहां अपना उम्मीदवार नहीं उतार सकी.