Vistaar NEWS

Lok Sabha Election 2024: पशुपित पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से दिया इस्तीफा, बोले- ‘मेरे साथ नाइंसाफी हुई’

Pashupati Kumar Paras

पशुपति पारस

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच लगातार सियासी घटनाक्रम जारी है. अब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के नेता और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने मंत्री से अपना इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले सोमवार को बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के बीच बिहार में सीट बंटवारा हुआ. जिसमें बीजेपी-17, जदयू-16 और लोजपा रामविलास यानी की चिराग की पार्टी को 5 सीटें मिली. इसके अलावा जीतन राम मांझी के पार्टी ‘हम’ को एक और उपेंद्र कुशवाहा को एक टिकट मिला. हालांकि, इस सीट बंटबारे में पशुपति को एक भी सीट नहीं मिला.

बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में सीटों का बंटवारे के बाद से ही नाराजगी सामने आ रही थी. जिसकी वजह थी केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के गुट को एक भी सीट इस गठबंधन में नहीं मिलना. जबकि चिराग पासवान के गुट को पांच सीटें मिली हैं. इस वजह से गठबंधन के बीच नाराजगी की बात सुर्खियों में रही. इसके एक दिन मंगलवार को पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया.

ये भी पढ़ें- Bihar News: राम मंदिर के बाद अब सीता मंदिर बनाने की तैयारी, बिहार सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला

आरडेडी ने खोला दरवाजा

वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी एक-एक सीट मिलने से नाराज हैं. ऐसे नेताओं के लिए आरजेडी ने दरवाजा खोल दिया है. लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने मंगलवार (19 मार्च) को बड़ा बयान दिया है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने खुला ऑफर देते हुए कहा कि राजनीति में संभावनाओं के द्वार खुले रहते हैं. कल क्या हो जाएगा कहना मुश्किल है. पहले यह लोग तय करें कि उनको एनडीए में रहना है या नहीं.

“बीजेपी ने अपने सहयोगियों से धोखा किया है”

आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में कल (सोमवार) सीट बंटवारे के ऐलान के समय उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी दफ्तर भी नहीं गए थे. उनको एक सीट दी गई है इसलिए नाराज हैं. मांझी का भी अपमान किया गया क्योंकि उनको भी सिर्फ एक सीट दी गई है. पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी गई. बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को धोखा दिया है. उन्होंने आगे कहा, “भाजपा का यह चरित्र रहा है कि-मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं. पशुपति पारस के साथ उन्होंने वो ही किया जो इससे पहले भी सहयोगियों के साथ किया है. पहले चिराग पासवान की पार्टी को तोड़ा और अब चिराग पासवान को अपने साथ लाए और चाचा को सड़क पर छोड़ दिया.

Exit mobile version