Purnia Lok Sabha Election 2024: देश की राजनीति भले ही NDA बनाम INDIA ब्लॉक की रही हो, लेकिन बिहार की एक सीट पर कहानी एक स्वतंत्र उम्मीदवार के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गई है. बिहार के पूर्वोत्तर में स्थित पूर्णिया को साहित्य प्रेमियों के बीच उस भूमि के रूप में जाना जाता है जहां फणीश्वर नाथ रेणु रहते थे और उन्होंने ‘तीसरी कसम’ में राज कपूर द्वारा बड़े पर्दे पर निभाए गए हिरामन जैसे प्रसिद्ध पात्रों में जान फूंक दी थी.
पप्पू के कारण सुर्खियों में पूर्णिया
2024 की चुनावी लड़ाई में यह लोकसभा सीट मुख्य रूप से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के कारण सुर्खियों में है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि पप्पू यादव मतगणना के बाद कुछ कमाल दिखा पाएंगे.एनडीए उम्मीदवार जदयू सांसद संतोष कुशवाहा हैट्रिक बनाने के लिए मैदान में उतरे हैं, जबकि इंडिया ब्लॉक ने बीमा भारती के पीछे अपना पूरा जोर लगा दिया है. बीमा भारती हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी छोड़ दी थी. इसके तुरंत बाद वो राजद में शामिल हो गईं.
पूर्णिया राजद कोटे में है तो उम्मीदवार देंगे ही- तेजस्वी यादव
पप्पू यादव के मैदान में उतरने के बाद कहा जा रहा है कि इंडिया गठबंधन का गेम बिगड़ गया है. और इसलिए तेजस्वी यादव अब पूर्णिया में कैंप करने जा रहे हैं. तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि पूर्णिया की सीट राष्ट्रीय जनता दल के कोटे में है इसलिए हम अपना प्रत्याशी ही देंगे. मैं पूर्णिया जा रहा हूं वहां जनता के बीच अपनी बात रखूंगा. तेजस्वी ने कहा कि कल राहुल गांधी ने खुद बीमा भारती का नाम लेकर अपील की है. पप्पू पर हमला करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले चुनाव में पप्पू मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनकर घूम रहे थे. बीजेपी के पैसे से हेलीकॉप्टर से दौरा कर रहे थे. ऐसे लोग यादव और मुस्लिमों के बीच जाकर कह रहे हैं कि मुझे जिताइए. जीतने के बाद हम कांग्रेस में जाएंगे. तेजस्वी ने कहा की कांग्रेस हमारे साथ मजबूती से खड़ी है.
"पूर्णिया की सीट राष्ट्रीय जनता दल के कोटे में है इसलिए हम ही अपना प्रत्याशी देंगे…"- बिहार के पूर्णिया दौरे पर जाने से पहले बोले RJD नेता तेजस्वी यादव#Bihar #Purnia #LokSabaElections2024 #RJD #TejashwiYadav #Congress #RahulGandhi #VistaarNews pic.twitter.com/33Y85yC22B
— Vistaar News (@VistaarNews) April 21, 2024
जनता का आशीर्वाद मुझे मिल गया है-पप्पू यादव
वहीं अब पप्पू यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि सीवान में शहाबुद्दीन के परिवार, नवादा में राजबल्लभ यादव के परिवार, प्रभुनाथ सिंह के परिवार के साथ क्या हुआ यह जगजाहिर है. मैं पूर्णिया समेत सीमांचल का बेटा हूं. जनता का आशीर्वाद मुझे मिल गया है. पूर्णिया से जीत रहा हूं. पहले चरण में औसतन भले 63% वोटिंग हुई, लेकिन दूसरे चरण में 70% से ज्यादा वोटिंग सिर्फ पूर्णिया में ही होगी.
खैर ये तो सियासी बयानबाजी की बात थी. अब जरा इस सीट के जोर की बात कर लेते हैं. पप्पू यादव ने तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है, 1990 के दशक में भारी अंतर से जीत हासिल की, दो बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में और एक बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर. सपा उत्तर प्रदेश में एक बड़ी ताकत है लेकिन बिहार में कभी मजबूत खिलाड़ी नहीं रही.
चुनावी घोषणा के बाद पप्पू यादव ने कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर दिया, लेकिन पूर्णिया सीट की चाहत में उन्हें फिर से निर्दलीय ही मैदान में आना पड़ा.”राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए लड़ने” की उनकी बयानबाजी के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व ने उनका समर्थन नहीं किया. यादव ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और इस अवसर पर निकाले गए एक मोटरसाइकिल जुलूस ने राज्य की राजनीति में एक हलचल पैदा कर दी.
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कांग्रेस ने अभी तक पप्पू के खिलाफ नहीं की कार्रवाई
हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक पप्पू यादव के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की है, हालांकि, किसी भी शीर्ष नेता के उनके समर्थन में आने से इनकार को अप्रत्यक्ष अपमान के रूप में देखा जा रहा है. हाल ही में जब राहुल गांधी भागलपुर पहुंचे थे तो मंच पर बीमा भारती को ही उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया,जिससे पूर्णिया सीट पर कांग्रेस के रुख के बारे में किसी भी संदेह को दूर किया जा सके.
स्थानीय लोगों का मानना है कि ‘प्रणाम पूर्णिया’ अभियान के जरिए पप्पू यादव ने इलाके में लोकप्रियता हासिल की है. इस बीच, यादव अपने आकर्षण का भरपूर उपयोग कर रहे हैं, आम लोगों के साथ रोटी तोड़ रहे हैं और बार-बार, पार्टी के टिकट से इनकार करने के कारण हुए ‘अपमान’ को याद करते हुए रोने लगते हैं. वह पूर्णिया की लंबाई और चौड़ाई का भ्रमण कर रहा है, और लैंसमैन को अपनी मोटरसाइकिल के ऊपर अपने मोटे शरीर का दृश्य खुशी-खुशी दे रहा है. समाज के सभी वर्गों से समर्थन का दावा करते हुए, यादव दावा करते रहे हैं कि वह भाजपा के उच्च जाति आधार और ‘मुस्लिम-यादव’ गठबंधन दोनों को परेशान कर देंगे.
वहीं अगर देखा जाए तो राजद के शीर्ष नेताओं ने लड़ाई को अपनी प्रतिष्ठा का मामला बना लिया है और भारती के हाथों में मामला नहीं छोड़ने का फैसला किया है. हालांकि, भारती के पास भी एक अच्छा-खासा राजनीतिक अनुभव है. पांच बार रूपौली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है और गंगोता जाति से हैं, जिनकी जिले में अच्छी खासी उपस्थिति है. लेकिन तेजस्वी ने पूर्णिया की कमान खुद ही संभालने की ठानी है. पार्टी सुप्रीमो लालू यादव के उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ने 26 अप्रैल के चुनावों के लिए लगभग हर दूसरे दिन पूर्णिया में रैलियों के साथ अपना अभियान तेज कर दिया है. पूर्णिया में उनके भाषणों का उद्देश्य पप्पू यादव है, जिन्हें वह “भाजपा एजेंट” कहते रहे हैं.