Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव के तहत तीन चरणों का मतदान हो चुका है और अभी चार चरणों का मतदान होने वाला है. इस बीच जैसे-जैसे चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे सभी दलों के नेताओं की बयानबाजी भी तेज होती जा रही है. ऐसे में दो पूर्व जजों और एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी(Rahul Gandhi) को एक मंच पर डिबेट करने की बात छेड़ दी है. इस न्योते को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से स्वीकार कर लिया गया है.
जनता के मुद्दों पर डिबेट करने को तैयार- राहुल
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जस्टिस लोकुर, शाह और पत्रकार एन राम की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिबेट के अनुरोध पर सहमति दे दी है. इस बात की जानकारी राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो शेयर कर दी है. ‘X’ पर एक कार्यक्रम का वीडियो शेयर कर राहुल गांधी ने लिखा कि मैं 100% किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री से ‘जनता के मुद्दों’ पर डिबेट करने को तैयार हूं, पर मैं उन्हें जानता हूं, वह 100 प्रतिशत मुझसे डिबेट नहीं करेंगे. यही नहीं वह वीडियो में कहते दिखें कि अगर पीएम मेरे साथ डिबेट नहीं करना चाहते हैं तो वह हमारी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ डिबेट कर सकते हैं. बता दें कि एक शख्स ने राहुल गांधी से सवाल किया था कि जजों ने प्रधानमंत्री और आपकी डिबेट को लेकर एक चिट्ठी लिखी है. उन लोगों ने आपको पीएम मोदी के साथ डिबेट करने के लिए न्योता दिया है तो क्या आप इसे स्वीकार करते हैं.
मैं 100% किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री से ‘जनता के मुद्दों’ पर डिबेट करने को तैयार हूं,
पर मैं उन्हें जानता हूं, वो 100% मुझसे डिबेट नहीं करेंगे। pic.twitter.com/lxB8AqlzfN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 10, 2024
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‘जनता ने केवल आरोप और चुनौतियां ही सुनी हैं’
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर, हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सार्वजनिक बहस के लिए अनुरोध करते हुए दोनों को एक निमंत्रण पत्र भेजा था. इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था कि जनता ने दोनों पक्षों की ओर से केवल आरोप और चुनौतियां ही सुनी हैं मगर कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं सुनने को मिला. आज की डिजिटल दुनिया में गलत सूचना, गलत बयानबाजी और हेरफेर की बहुत अधिक प्रवृत्ति है. ऐसे में चिट्ठी के माध्यम से दोनों पक्षों से न्योते को स्वीकार करने की अपील की गई. इसी न्योते को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्वीकार करते हुए यह चुनौती दी है.