Holi 2025: देश में होली का त्योहार रंगों से मनाया जाता है. गुलाल-अबीर एक-दूसरे को लगाते हैं. जहां मथुरा-वृंदावन में लट्ठमार, लड्डू मार होली खेलते हैं, वहीं बुंदेलखंड में फाग गाकर होली मनाई जाती है. जयपुर के गुलाल गोटे सबसे अलग और बेमिसाल होते हैं और इंदौर की गेर तो वर्ल्ड फेमस है. वहीं मध्य प्रदेश के रायसेन में होली के अवसर पर अनोखी परंपरा निभाई जाती है. आस्था और श्रद्धा के साथ धधकते अंगारे के पर चलते हैं लोग.
होली पर मनाई जाती है अनोखी परंपरा
रायसेन जिले के चंद्रपुरा और महगवां गांव में आग पर चलने की परंपरा है. ग्रामीण धधकते अंगारे पर चलते हैं. गांव के चौराहे पर एक कुंड बनाया जाता है जिसमें धधकते अंगारे डाले जाते हैं. इन अंगारों पर बुजुर्ग, बच्चे और महिला सभी पार करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
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कब मनाया जाता है?
इस परंपरा को होलिका दहन के दिन निभाया जाता है. होलिका की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस कार्यक्रम में सभी ग्रामीण शामिल होते हैं. इसके बाद धधकते अंगारों पर चलने की परंपरा निभाई जाती है. इसके साथ ही गुलाल और रंग लगाकर इस परंपरा को पूरा किया जाता है.
अंगारों पर चलने से पैर नहीं जलते
ग्रामीणों का कहना है कि धधकते अंगारों पर चलने से पैर नहीं जलते हैं. इसके साथ ही हमें भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है. उनका कहना है कि गांव को आपदा से बचाने और खुद को बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है.
