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Budget को सिंधिया ने ऐतिहासिक तो कमलनाथ ने बताया झुनझुना, जीतू पटवारी ने 4 ‘झूठ’ बता साधा निशाना

budget 2024

ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ व जीतू पटवारी

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अंतरिम बजट पेश करने के बाद पक्ष और विपक्ष के नेताओं के प्रतिक्रिया सामने आने लगी हैं. पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस बजट को झुनझुना बताया है. वहीं बीजेपी नेता इसको ऐतिहासिक बता रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अंतरिम बजट पर कहा, “यह एक ऐतिहासिक बजट है जो पूर्ण रूप से परिलक्षित करता है कि PM मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित, आत्मनिर्भर, विश्व गुरु बनने के लक्ष्य के प्रति गति के साथ आगे बढ़ चुका है.”

विकसित भारत का बजट- जगदीश देवड़ा

एमपी के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि यह विकसित भारत का बजट है, जिससे हमारे देश का 5 ट्रिलियन की इकॉनोमी का सपना पूरा होगा. उन्होंने कहा कि यह बजट गरीब, महिला, युवाओं को ध्यान में रखकर पेश किया गया. बीजेपी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इस परिकल्पना को पूरा करने वाला बजट है. हमारी सरकार ने आयुष्मान कार्ड, किसान सम्मान निधि, केंद्र सरकार के सभी योजनाओं का ध्यान भी इस बजट में रखा गया है. केंद्र के इस बजट से एमपी को भी उसका लाभ मिलेगा. 

कमलनाथ ने कसा तंज

वहीं एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ केंद्रीय बजट पर ट़्वीट करके सरकार पर तंज कसा. उन्होंने लिखा है, ‘’बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर. पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर.’’

साथ ही उन्होंने लिखा मोदी कि सरकार अंतरिम बजट की स्थिति कुछ ऐसी ही है. हमे आशा थी कि चुनाव से पूर्व के इस बजट में वित्त मंत्री बताएंगी कि प्रधानमंत्री ने जो हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, उस हिसाब से 20 करोड़ रोजगार देने का टारगेट कहीं पहुंचा भी या नहीं?. मध्यमवर्ग को आशा थी कि सरकार इनकम टैक्स स्लैब में कोई छूट देगी. लेकिन एक बार फिर से अपना जन विरोधी चेहरा सामने लाते हुए मोदी सरकार ने आयकर में कोई छूट नहीं दी.

मोदी सरकार ने वादा किया था कि 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी. लेकिन आज 2024 के बजट में भी किसानों के पक्ष में एक ढंग की बात भी सरकार नहीं बोल सकी. बजट में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, किसानों और जवानों के लिए कुछ भी नहीं है. सरकार ने देश के आर्थिक विकास का कोई खाका पेश नहीं किया है और जो बातें कही हैं, वह 15 और 20 साल दूर की बातें हैं. यह बजट नहीं सिर्फ एक झुनझुना है.

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी बजट पर अपनी राय दी है. उन्होंने एक्स पर ट्ववीट करते हुए लिखा है, ‘’मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में भी पूरी ईमानदारी से चार झूठ बोले हैं. सामाजिक झूठ, राजनीतिक झूठ ,आर्थिक झूठ, नैतिक झूठ, नैतिक झूठ है. “

जीतू पटवारी ने गिनाए चार ‘झूठ’

जीतू पटवारी ने कहा कि बजट में 2024 के सबसे बड़े झूठ – 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली केंद्र सरकार दावा कर रही है कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला. यह भाजपा का वर्ष 2024 में बोला गया सबसे बड़ा “आर्थिक झूठ” है. भाजपा के सरकारी कागजों में गरीब की उपस्थिति अलग तरह से दिखाई और दर्शायी जा रही है.

उन्होंने कहा कि मेरे मध्यप्रदेश में ही “लाड़ली बहना योजना” में 3000 रुपए प्रतिमाह के वादे से मुकरने वाली @BJP4MP यदि करीब एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का दावा कर रही है, तो इसे भी मैं वर्ष 2024 में बोला गया सबसे बड़ा “सामाजिक झूठ” कहूंगा.

कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले 45 सालों में देश में सबसे अधिक बेरोजगारी है, लेकिन झूठ के पांवों पर दौड़ने वाली बीजेपी सरकार का दावा है कि 54 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। हर साल 2 करोड़ नौकरी के झूठ को देश को युवा पहचानता है. इसे भी मैं सबसे बड़ा “राजनीतिक झूठ” कहूंगा.

उन्होंने कहा कि गरीबी में फंसा, महंगाई से लड़ता, कर्ज में डूबा किसान जानता है कि आय तो दोगुनी नहीं हुई, लागत जरूर चार गुना बढ़ गई है. लेकिन फिर केंद्रीय वित्त मंत्री की बजट-बुक कह रही हैं कि पीएम किसान योजना से 11.8 करोड़ लोगों को आर्थिक मदद मिली है. इसे भी मैं सबसे बड़ा “नैतिक झूठ” कहूंगा.

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