Indore: इंदौर में हर बार की तरह इस बार भी गणेश चतुर्थी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. 10 दिनों के इस उत्सव में भगवान गणेश के भक्त उनकी भक्ति में डूबे रहते हैं. इस पावन अवसर पर हम आपको इंदौर के जूनी इंदौर क्षेत्र में स्थित 1200 साल पुराने चिंतामण गणेश मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी अनोखी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है.
फोन पर भक्तों की मनोकामना सुनते हैं चिंतामण गणेश
चिंतामण गणेश मंदिर की खासियत यह है कि यहां विराजमान भगवान गणेश अपने भक्तों की मनोकामना फोन पर सुनते हैं और उसे पूरा भी करते हैं. यह कोई सामान्य बात नहीं है, बल्कि इस मंदिर की एक अद्भुत और प्राचीन परंपरा है, जिसके चलते देश-विदेश से हजारों लोग भगवान गणेश को फोन करते हैं. जो लोग फोन नहीं कर पाते, वे भगवान को अपनी चिट्ठी भेजते हैं.
मंदिर को लूटने आया था औरंगज़ेब!
मंदिर के मुख्य पुजारी मनोहर लाल पाठक बताते हैं कि यह मंदिर 1200 साल पुराना है और सभी भक्तों की मनोकामनाएं यहां पूर्ण होती हैं. उन्होंने एक दिलचस्प घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “मुगल शासक औरंगज़ेब भी इस मंदिर को लूटने के उद्देश्य से यहां आया था. लेकिन जब वह मंदिर में प्रवेश करने लगा, तो ताला बंद होने के बावजूद अपने-आप खुल गया और ऐसा चमत्कार हुआ कि औरंगजेब मंदिर के अंदर प्रवेश ही नहीं कर पाया. वह बाहर से ही माथा टेक कर भाग गया. यही कारण है कि मंदिर आज भी सुरक्षित और भक्तों की आस्था का केंद्र है.
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आस्था का अनोखा केंद्र
इंदौर का यह चिंतामण गणेश मंदिर न केवल अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी अनोखी परंपराओं और मान्यताओं के कारण भी जाना जाता है. यहां भक्त अपनी मनोकामनाएं भगवान तक पहुंचाने के लिए फोन और चिट्ठी का सहारा लेते हैं. हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहां भक्तों का तांता लगता है, जो भगवान गणेश के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाता है. इस अनोखे मंदिर की मान्यता और चमत्कारों के चलते यह गणेश अवसर के पर्व पर खास आकर्षण का केंद्र बन जाता है.