Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक के बाद एक कई बुरी खबर सामने आ रही हैं. सबसे पहले गुजरात के सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द हुआ. वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने आखिरी समय में अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद इंदौर सीट से कांग्रेस के सबस्टिट्यूट उम्मीदवार मोती पटेल की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मोती पटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ट्रेन की वेटिंग टिकट का हवाला दिया.
मोती पटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर टिकट वेटिंग लिस्ट की है और वह कंफर्म नहीं होती है तो वह अपने आप रद्द हो जाती है. ऐसे में जो भी यात्री है, उसे एक जनरल टिकट भी लेकर यात्रा करनी चाहिए, ताकि वो बिना फाइन यात्रा कर सके. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता मोती पटेल को चुनाव आयोग के पास जाने का सुझाव भी दे दिया.
हाई कोर्ट पहुंचे थे मोती पटेल
बताते चलें कि कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अक्षय बम के नामांकन वापसी के बाद डमी कैंडिडेट मोती पटेल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अपनी याचिका में मोती पटेल ने कहा था कि नियमानुसार कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन यदि निरस्त हो जाता है या वे नाम वापस ले लेते हैं तो डमी प्रत्याशी ही अधिकृत प्रत्याशी माना जाता है. बम ने नामांकन वापस लिया है तो उन्हें कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का अधिकार है. हालांकि कोर्ट ने उनके इस तर्क को नहीं माना और याचिका खारिज कर दी.
बीजेपी में शामिल हुआ कांग्रेस प्रत्याशी
बता दें के सोमवार को जब इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन वापस लेने पहुंचे तो उनके साथ कलेक्टर ऑफिस में बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला देखे गए. और फिर बीजेपी में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ अक्षय कांति बम निकल पड़े. अब सवाल उठता है कि आखिर क्यों कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐसा किया? कहीं सरकार पलटे या विधायक. तुरंत ऑपरेशन लोटस के आरोप लगते हैं. इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी के पर्चा लेकर पलटने पर भी आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी की कोई कमजोर नस दबाई गई है.