भोपाल: मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट और चर्चित सांसद का टिकट पार्टी ने काट दिया है. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जगह आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है. शर्मा के टिकट दिलाने के पीछे पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने भी कसर नहीं छोड़ी. शिवराज के भरोसे शर्मा को विधानसभा के बाद लोकसभा में भी पार्टी ने टिकट दे दिया है.
साध्वी प्रज्ञा को फिर से टिकट देने पर पार्टी आलाकमान तैयार नहीं था. साध्वी अपने बयानों से अक्सर पार्टी को मुश्किलों में डालती रही हैं. एक बार साध्वी के बयान पर पीएम मोदी को भी बयान देना पड़ गया था. प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. पार्टी की फटकार के बाद उन्होंने हालांकि माफी मांग ली थी लेकिन पीएम मोदी कह चुके थे कि वो कभी प्रज्ञा को मन से माफ नहीं कर सकते हैं. बीजेपी के साध्वी के खिलाफ कोई ठोस एक्शन नहीं लिया लेकिन चर्चाओं का दौर शुरू हो गया कि उन्हें अगली बार पार्टी टिकट नहीं देगी.
समझिए सीट का सियासी और जातीय समीकरण
भोपाल सीट पर भाजपा का लंबे समय से कब्जा रहा है. साल 1989 से लगातार भाजपा से ही प्रत्याशी जीत रहे हैं. कांग्रेस ने कई दिग्गज नेता उतरे लेकिन कांग्रेस को सफलता नहीं मिली. इसके पीछे का कारण है कि कुछ इलाकों में हिंदू वोटर्स की संख्या ज्यादा है. साथ ही भाजपा और आरएसएस की भी पैठ बनी हुई है. इसलिए भाजपा के मुकाबलें कांग्रेस टिक नहीं पाती. साल 2019 के चुनाव में भाजपा से उम्मीदवार प्रज्ञा को 8 लाख से अधिक वोट मिले, इधर कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को 5 लाख 1660 वोट मिले. भाजपा की प्रत्याशी 3 लाख 64 हजार वोटों से जीत गई.
भोपाल से टिकट कटने के बाद संस्कारों से बंधी साध्वी प्रज्ञा. बोलीं- "..संगठन से सवाल नहीं किए जाते, कांग्रेसी तो बगावत कर देते हैं…", देखिए विस्तार न्यूज़ के संवाददाता विवेक पाण्डेय (@vivekpa12878532) की BJP सांसद से खास बातचीत.. @sadhvipragyag #SadhviPragya #Bhopal… pic.twitter.com/hcRr7GKCTI
— Vistaar News (@VistaarNews) March 3, 2024
इन पार्टी के उम्मीदवार बने भोपाल से सांसद
साल 1957 में कांग्रेस से मैमूना सुल्तान, 1962 कांग्रेस की मैमूना सुल्तान को फिर टिकट मिला लेकिन वो हार गई. साल 1967 में जनसंघ से जे आर जोशी जीते. वहीं 1971 में कांग्रेस के शंकर दयाल शर्मा विजय हुए. 1977 बीएलडी आरिफ बेग सांसद बने. फिर साल 1980 में कांग्रेस शंकर दयाल शर्मा, और 1984 कांग्रेस के एन प्रधान, 1989 बीजेपी सुशील चंद्र, 1991 बीजेपी सुशील चंद्र, 1996 बीजेपी सुशील चंद्र, 1998 बीजेपी सुशील चंद्र, 1999 बीजेपी उमा भारती, 2004 बीजेपी कैलाश जोशी, 2009 बीजेपी कैलाश जोशी, 2014 बीजेपी आलोक संजर, 2019 बीजेपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जीत दर्ज कराई.