Lok Sabha Election: देश में इसी साल लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में भाजपा 400 का आंकड़ा छूने, जबकि कांग्रेस भी सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए जोर लगा रही है. राम मंदिर और हिंदुत्व के मुद्दे पर दोनों ही प्रमुख दल आमने-सामने हैं. युवा और किसान के साथ महिलाओं और जनजातियों को लुभाने की दोनों ही दल प्लानिंग कर रहे हैं. कोई जनता से ही राय मांग रहा है, तो कोई जनता के बीच जाकर अपनी योजनाओं का गुणगान कर रहा है. लेकिन चुनौती कांग्रेस के सामने ज्यादा है.
मध्यप्रदेश सहित तीन राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस नए सिरे से खड़े होने की जुगत में लगी है. लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और कार्यकर्ता निराश… ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने कार्यकर्ताओं और जनता को साथ जोड़ने के लिए नई रणनीति बनाई है.
क्या है प्लान
- ‘हाथ’ को मजबूत करने मेगा प्लान
- कांग्रेस ने घोषणापत्र के लिए जनता से मांगे सुझाव
- मेनिफेस्टो के जरिए जनता के मन तक पहुंचने की कोशिश
- किसान और युवाओं पर कांग्रेस का खास फोकस
- पार्टी के एजेंडे में मजदूर और व्यापारी भी
- घोषणापत्र समिति के सदस्य सभी के साथ करेंगे बैठक
- गोष्ठी करके जानेंगे जनता के मन की बात
- जनता से सीधे जुड़ने के लिए मांगे ऑनलाइन सुझाव
- पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी लिए जाएंगे सुझाव
2019 में कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में गरीबी मिटाने, रोजगार, किसान, आदिवासी, भ्रष्टाचार की जांच, सहित कई मुख्य मुद्दे उठाए थे. अब 24 के महासंग्राम से पहले कांग्रेस घोषणा पत्र के लिए देश की जनता से सुझाव ले रही है. कांग्रेस की मेनिफेस्टो को लेकर बन रही रणनीति पर बीजेपी तंज कस रही है.
तीन राज्यों में हार के बाद अब कांग्रेस लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करने की योजना बना रही है. घोषणा पत्र के जरिए कांग्रेस कहीं ना कहीं लोगों को अपनी विचारधारा से जोड़ने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस की चाहत है कि 24 के महासंग्राम में वो पूरी ताकत के साथ रणभूमि में उतरे. इसके लिए सबसे बड़ा टास्क लोगों को पार्टी से जोड़ना है. कांग्रेस फिलहाल उसी राह पर आगे कदम बढ़ाती दिख रही है.