Madhya Pradesh: वित्त विभाग हर साल अमूमन नवंबर से बजट की तैयारी शुरू करता है, लेकिन इस बार सितंबर से बजट की तैयारी शुरू कर दी गई है. विभाग ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट निर्माण की प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन किया है. इस बार विभाग पूर्व अनुमान के आधार पर किसी मद या योजना में बजट राशि का प्रावधान नहीं कर सकेंगे.
किसी मद विशेष में बजट में राशि आवंटित करने के लिए उन्हें यह मानकर बारीकी से कैल्कुलेशन करना होगा कि उस मद में बजट शून्य है. यानी हर योजना के लिए राशि का प्रावधान करने के लिए शून्य आधार मानकर एक्सरसाइज करनी होगी. बजट में विभिन्न योजनाओं में वास्तविक राशि का प्रावधान किया जा सके, इसके लिए यह पूरी कवायद की जा रही है. दरअसल, वित्त विभाग इस बार ‘जीरो बेस्ड बजटिंग’ विधि पर बजट तैयार कर रहा है. इस विधि पर बजट तैयार करने वाला मप्र देश का पहला राज्य है.
वित्त विभाग की पहल सराहनीय
आर्थिक विशेषज्ञ व भारत आर्थिक परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. देवेंद्र विश्वकर्मा का कहना है कि जीरो बेस्ड बजटिंग मेथड पर बजट तैयार करने की वित्त विभाग की पहल सराहनीय है. इससे बजट के वास्तविक आंकलन में मदद मिलेगी. हालांकि एकाएक चीजें नहीं बदलेंगी, लेकिन भविष्य में बजट की एक्यूरेसी को लेकर इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे.
क्या है जीरो बेस्ड बजटिंग?
जीरो बेस्ड बजटिंग की प्रक्रिया ‘शून्य आधार’ से शुरू होती है और प्रत्येक कार्य या योजना में राशि का प्रावधान करने के लिए उसकी जरूरत और लागत के आधार पर बारीकी से तथ्यात्मक विश्लेषण किया जाता है. फिर आगामी अवधि के लिए बजट में राशि आवंटित की जाती है. इसमें किसी योजना बजट की राशि पिछली बार से कम या ज्यादा हो सकती है.
यह होगा सबसे बड़ा फायदा
अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में विभागों की तरफ से किसी योजना में सामान्यतः पूर्व में निर्धारित राशि के आधार पर अनुमानित राशि का प्रावधान कर दिया जाता है. बाद में देखने में आता है कि बजट में आवंटित राशि कम या ज्यादा हो जाती है। किसी योजना में कम राशि का प्रावधान होने की स्थिति में बाद में पुनरीक्षित बजट का प्रावधान करना पड़ता है. जीरो बेस्ड बजटिंग विधि से बजट तैयार करने पर किसी मद या योजना विशेष में उसकी आवश्यता के हिसाब से वास्तविक राशि का प्रावधान किया जा सकेगा.
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