Madhya Pradesh News: कृषि उत्पादन आयुक्त एस.एन. मिश्रा की अध्यक्षता में शनिवार को संभाग स्तरीय एपीसी की बैठक अपैक्स बैंक के समन्वय भवन में हुई. जिसमें भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग के सभी जिलों के रबी 2023-24 की समीक्षा एवं खरीफ 2024 की तैयारियों पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए गए. इस दौरान एसीएस कृषि अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव सहकारिता दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव उद्यानिकी सुखवीर सिंह, प्रमुख सचिव पशुपालन गुलशन बामरा, संभागीय आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, आयुक्त किसान कल्याण विभाग एम सेल्वेंद्रन,एमडी कॉपरेटिव मार्केटिंग आलोक कुमार सिंह, एमडी दुग्ध संघ सतीश कुमार एस, डायरेक्टर हॉर्टिकल्टर सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक में मुख्य रूप से कहा गया कि कम समय में तैयार होने वाले बीजों की बोनी को प्रोत्साहित किया जाए, जिससे किसानों को अगली फसल के लिये पर्याप्त समय भी मिलने के साथ रकबा भी बढ़ेगा. बैठक में उवर्रकों की मांग एवं उपलब्धता की समीक्षा के साथ अन्य सूक्ष्म सहयोगी खादों के उपयोग के बारे में कहा गया. मिट्टी परीक्षण को लेकर कहा गया कि जहां-जहां मिट्टी परीक्षण केंद्र है, उन्हें सक्रिय करें और मिट्टी के आधार पर खाद- बीज का उपयोग करें.
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सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को प्रभावी बनाने पर जोर
बैठक में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं पर जोर देकर इन्हें प्रभावी बनाने पर जोर दिया. ताकि समय पर फसलों को पानी उपलब्ध हो सके. आधुनिक कृषि में आधुनिक खाद-बीज के साथ आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग पर जोर दिया और कहा गया कि किसान एप को ज्यादातर किसानों तक पहुंचाये. जिससे किसान एवं सर्विस प्रोवाईडर उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करा सके. कृषि उपकरणों की ज्यादातर मांग एक समय विशेष पर होती है और ऐसी स्थिति में सर्विस प्रोवाईडर को आधुनिक उपकरण सुनिश्चित कराने में सहूलियत होती है.
“फसल बीमा में सभी किसानों को जोड़े”
बैठक में कहा गया कि कृषि के लिए किए जा रहे अच्छे नवाचारों को बढ़ावा दें और उनका डॉक्यूमेंटेशन भी करें. फसल बीमा में ऋणी किसानों के साथ अऋणी किसानों को भी जोड़े. इसे प्राथमिकता में लेकर कार्य करें. एफपीओ से संपर्क बनाये, मंडी को हाईटेक करें, जिससे ट्रांजेक्शन टाइम कम हो, ऑटो पैकेजिंग आदि हो, कैशलेस सिस्टम अपनाये, हर जिले में एक मंडी को कैशलेस सिस्टम प्रणाली से युक्त करें. इसके साथ ही कहा गया कि किसानों के जमीनों के रजिस्ट्री के साथ फसल और किसानों की रजिस्ट्री भी हो. जिससे किसी प्रकार की रोग होने पर उनकी सहायता की जा सके. किसानों के केसीसी कराएं, विशेष रूप से पीएम किसान का ई-केवाईसी कराएं जिससे किसानों को भविष्य में लाभ हो सके.
“पर ड्राप मोर क्रॉप” की पद्धति अपनाने की सलाह
एपीसी की बैठक में ई-रूपी, मिलेट मिशन, बीसा प्रोजेक्ट द्वारा किए जा रहे नवाचारों का मिश्रण कर सुपर सीडर, हैप्पी सीडर और पेडी ट्रांसप्लांटर जैसे उपकरणों के प्रयोग पर बल दिए जाने और नरवाई का बेहतर प्रबंधन करने की बात कही गई. उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की समीक्षा के दौरान उद्यानिकी फसलों का रकबा एवं उत्पादन में भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग की हिस्सेदारी, फल, सब्जी, पुष्प क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा कर कहा गया कि “पर ड्राप मोर क्रॉप” की पद्धति को अपनाएं, मल्चिंग को प्रोत्साहित करें. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना को प्रभावी बनाये तथा उद्यानिकी के नई चुनौतियों को स्वीकारें और नवाचार से उनका समाधान करें. इस दौरान उद्यानिकी क्षेत्र में किये गये विशिष्ट कार्यों की समीक्षा भी की गई.
जिला कलेक्टर ने क्या कहा?
भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में बताया कि जिले में किसानों को यूरिया का उपयोग कम करने के साथ एनपीके एवं नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा भोपाल में क्रॉप ड्राइवर सिफिकेशन पर जोर दिया जाएगा. जिनमें मक्का, तिल, मुंगफली आदि फसलों को बढ़ावा दिया जायेगा. साथ ही सॉइल टेस्टिंग पर और जोर दिया जाएगा.