MP Congress: मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. कांग्रेस ने चंदा इकट्ठा करने के लिए डोनेशन फॉर देश अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता समेत वरिष्ठ पदाधिकारी से डोनेशन लिया जा रहा है. मध्य प्रदेश में इस डोनेशन की स्थिति काफी खराब है. कांग्रेस विधायक सहित कार्यकर्ताओं ने पार्टी को चंदा देने में कंजूसी कर दी है.
लाखों में सिमटा चंदा
करीब 1 महीने पहले इस अभियान की शुरुआत की थी. मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विधायक, सांसद, जिला अध्यक्ष, बूथ प्रभारी के लिए चेक लिस्ट बनाई थी. यानी कि सभी की भूमिका जीतू पटवारी ने ‘डोनेशन फॉर देश’ के लिए तय कर दी थी. इसके बाद भी एक महीने के भीतर सिर्फ 73 लाख 24 हजार रुपए ही कांग्रेस के खाते में जमा हुए हैं. कांग्रेस के कई बड़े सीनियर नेता हैं, जो पार्टी को चंदा देने में पीछे हैं. यहां तक कि कई विधायक और जिला अध्यक्षों ने भी पार्टी को डोनेशन नहीं दिया है. यानी की महक 7.8 फीसदी ही कांग्रेस को मध्य प्रदेश से कार्यकर्ताओं की ओर से डोनेशन मिला है.
पदाधिकारियों की फौज
कांग्रेस के प्रदेश संगठन में 105 महासचिव बनकर बैठे हैं. करीब 50 से अधिक उपाध्यक्ष भी हैं. इसके अलावा राजनीतिक मामलों की समिति के 21 सदस्य हैं. वहीं 52 जिलों के जिला अध्यक्ष और लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रभारी सहित कई अन्य मोर्चा और संगठन के पदाधिकारी भी हैं. ऐसे में सवाल है कि करीब हजार से अधिक संगठन के पदाधिकारी की फौज के बाद भी एक करोड़ का आंकड़ा कांग्रेस महीने भर के अंदर पार नहीं कर पाई है.
चंदे का ये तय हुआ था फॉर्मेट
सांसद, विधायक और महापौर के लिए पार्टी ने चंदे की राशि एक लाख 38 हजार रुपए तय की है. वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष, विधानसभा चुनाव 2023 के प्रत्याशियों, एआईसीसी के प्रतिनिधियों, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, नगर निगम के पार्षद, नगर निगम अध्यक्ष, मोर्चा-संगठन के प्रदेश अध्यक्ष, विभाग अध्यक्षों और जिला पंचायत-जनपद अध्यक्षों के लिए 13 हजार 800 रुपए न्यूनतम चंदा तय किया गया है. इसके अलावा ब्लाॅक अध्यक्ष, पीसीसी के प्रतिनिधि, नगर पालिका निगम के पार्षद, नगर पालिका निगम चुनाव 2022 के प्रत्याशी, मोर्चा-संगठन, विभाग के जिला अध्यक्ष, जिला-जनपद सदस्य और मंडलम-सेक्टर के अध्यक्षों के लिए यह राशि 1380 रुपए तो बूथ अध्यक्ष व कार्यकर्ता के लिए 138 रुपए चंदा निर्धारित किया गया है.
डोनेशन बना कमजोरी
डोनेशन की कमजोर स्थिति को लेकर कांग्रेस सेफ साइड तलाश रही है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि हम कार्यकर्ताओं और अपने नेताओं से डोनेशन ले रहे हैं, इसमें बीजेपी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है. कांग्रेस किसी उद्योगपति से डोनेशन नहीं ले रही है. चंदा मांगने वाले कांग्रेस पर सवाल ना उठाएं तो बेहतर है. वहीं बीजेपी के संगठन महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं की कोठी बड़ी होती जा रही है जबकि पार्टी छोटी हो चुकी है. कांग्रेस के भीतर पार्टी के लिए कोई भी समर्पण भाव बचा नहीं है, इसलिए कांग्रेस की ये दुर्गति हो रही है.