MP News: 3 सालों से कोई भी इंसान कैसे केवल पानी पर जिंदा रह सकता है. यह सुनने में अजीब लगेगा लेकिन यह सच है. संस्कारधानी जबलपुर में एक संत ऐसे हैं जो पिछले तीन सालों से केवल नर्मदा के जल को पीकर जिंदा हैं. उनकी इसी तपस्या पर अब मध्य प्रदेश सरकार रिसर्च करने जा रही है. लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से इस कार्य के लिये विशेषज्ञों की एक कमेटी भी बनाई गई है.
शोध के लिए विशेषज्ञों की गठित की गई कमेटी
बता दे कि,मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार महायोगी दादा गुरू भैया जी सरकार की साधना पर शोध प्रमाणिक तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रही है. लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार डीन नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की ओर से इसके लिये विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की गई है. इसके अध्यक्ष पूर्व प्राध्यापक, कार्डियोलॉजी विभाग एवं पूर्व कुलपति एमपीएमएसयू जबलपुर डॉ. आरएस शर्मा होंगे. कमेटी का सदस्य सहायक प्राध्यापक मेडिसिन डॉ. प्रशांत पुणेकर, सहायक प्राध्यापक पैथोलॉजी विभाग डॉ. राजेश महोबिया और नर्मदा मिशन के अध्यक्ष नीलेश रावल को बनाया गया है.
7 दिनों तक रखा जाएगा डॉक्टरों की निगरानी में
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि यह कमेटी नियमित रूप से दादा गुरू के पल्स, ब्लड प्रेशर, ईसीजी इत्यादि की जांच करेगी. आवश्यकतानुसार ब्लड शुगर, कोलेस्ट्राल, यूरिया, यूरिक एसिड इत्यादि की भी जांच की जाएगी.जरूरत पड़ने पर समिति की ओर से सुझाई गई अन्य जांचे भी की जाएंगी. कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट 3 सप्ताह में रजिस्ट्रार मेडिकल काउंसिल को प्रस्तुत करेगी. साथ ही यह निर्देश दिया गया कि यह कार्य अत्यधिक सावधानीपूर्वक किया जाना है. दादा गुरू को 24 घंटे एवं 7 दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा.
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आखिर नर्मदा के जल में ऐसे कौन से तत्व हैं?
गौरतलब है कि नर्मदा मिशन के संस्थापक दादा गुरू 3 साल 7 माह से निराहार रह कर सिर्फ नर्मदा जल ही ग्रहण कर रहें है. ऐसी स्थिति में संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा की ओर से उन पर यह शोध करने का निर्णय लिया है कि आखिर नर्मदा के जल में ऐसे कौन से तत्व हैं, जिससे कोई व्यक्ति इतने लम्बे समय तक बिना अन्न ग्रहण किए जीवित रह सकता है? कलेक्टर सक्सेना ने भी शोध संबंधी विभिन्न सावधानियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है.