MP News: इंदौर की जनक पलटा मगिलिगन जीरो-वेस्ट जीवनशैली का जीवंत उदाहरण हैं. उन्होंने न सिर्फ खुद इस जीवनशैली को अपनाया है, बल्कि पिछले कई वर्षों से आदिवासी महिलाओं के जीवन को भी सशक्त किया है. जनक पलटा ने सोलर कूकर देकर इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, जिससे वे स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर अपने परिवारों के लिए भोजन तैयार कर सकती हैं. अब तक, उन्होंने लाखों लोगों को पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली के लिए प्रशिक्षित किया है.
जनक पलटा पद्मश्री से सम्मानित हैं और जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की निदेशक भी हैं. हाल ही में उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इंदौर दौरे को लेकर अपनी खुशी ज़ाहिर की. उन्होंने बताया कि एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में देश का प्रतिनिधित्व करती है, यह उनके लिए गर्व का क्षण है. राष्ट्रपति मुर्मू डीएवीवी में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में भी भाग लेंगी, और जनक पलटा को इस आयोजन का निमंत्रण भी मिला है, जो उनकी पीएचडी का भी केंद्र रहा है.
जीरो-वेस्ट जीवनशैली और सामाजिक योगदान
जनक पलटा स्वच्छता अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी रह चुकी हैं और पर्यावरण को लेकर उनकी जागरूकता की यात्रा काफी प्रेरणादायक है. वह बताती हैं कि उनके घर में पवन चक्की से बिजली उत्पन्न होती है, जो न सिर्फ उनके घर की जरूरतें पूरी करती है, बल्कि आसपास के 50 घरों को भी ऊर्जा देती है. वे कचरा नहीं फेंकतीं, पानी की बर्बादी नहीं करतीं, और न ही उन्हें बिजली का कोई बिल भरना पड़ता है.
जनक पलटा अपने घर में खुद ही सब्जियां, दालें, चावल और मसाले उगाती हैं. सोलर कुकर में खाना पकाती हैं, पुराने अखबारों से ईंधन तैयार करती हैं और 365 दिन अपने बगीचे में जैविक रूप से फेस पैक, शैम्पू, साबुन, डिटर्जेंट और टूथपेस्ट बनाती हैं.
उन्होंने बहाई धर्म से मानवता और समानता का पाठ सीखा और अपने जीवन को पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा के लिए समर्पित किया.
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