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MP News: भाजपा के गढ़ बुंदेलखंड में दिग्गज नेताओं के बीच चल रहा ‘कोल्ड वॉर’, विकास कार्यों पर भी हो रहा असर

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MP News: मध्य प्रदेश में भाजपा के गढ़ बुंदेलखंड में दिग्गज नेताओं के बीच ‘कोल्ड वार’ की स्थिति बनी हुई है. संभागीय सागर सहित छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और दमोह जिला भी गुटबाजी से अछूता नहीं है. सत्ता-संगठन की समझाइश के बावजूद केंद्र और प्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और अन्य नेताओं के बीच संबंधों की बर्फ नहीं पिघल पा रही. नेताओं के ‘कोल्ड वार’ का असर विकास कार्यों पर भी पड़ने लगा है.

केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक और उनके संसदीय क्षेत्र छतरपुर व टीकमगढ़ जिले के नेताओं का अंतर्विरोध जग-जाहिर है. सागर में भी यही स्थिति बनी हुई है. सांसद प्रतिनिधि के मुद्दे पर छतरपुर जिले के विधायकों का विरोध इतना मुखर हुआ कि केंद्रीय मंत्री को अपने सभी सांसद प्रतिनिधि हटाना पड़े. इनके बीच सियासी मतभेद सागर जिले में मंत्री गोविंद राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच सियासी अनबन चल रही है. सांसद लता वानखेड़े, महापौर और पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह भूपेंद्र के करीबी माने जाते हैं. स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन और महापौर संगीता तिवारी के बीच भी ‘अबोला’ की स्थिति है. नगर निगम में विकास कार्यों को लेकर विधायक जैन, निगम अध्यक्ष और आयुक्त बैठक करते रहे लेकिन महापौर गैर मौजूद रहीं. देवरी नपा में भाजपाईयों ने अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर ली थी.

5 पूर्व विधायक हाशिए पर

छतरपुर जिले के ज्यादातर पुराने नेता शीत युद्ध और असंतोष के शिकार हैं. पूर्व विधायक उमेश शुक्ला, पुष्पेंद्र पाठक गुड्डन, विजयबहादुर बुंदेला, राजेश प्रजापति और रेखा यादव फिलहाल हाशिए पर हैं. पूर्व जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल बगावत कर चुनाव लड़ चुके हैं.विधायक ललिता यादव और अरविंद पटेरिया के अलावा पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह व उनके विधायक पुत्र कामाख्या प्रताप सिंह के बीच सामंजस्य है. पहली बार के विधायक दिलीप अहिरवार मोहन मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री हैं.

इनके बीच की अनबन रह चुकी सुर्खियों में

दमोह जिले में पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया का कई दशक तक राजनीतिक वर्चस्व बना रहा.कांग्रेस से भाजपा में आए और अब मौजूदा सांसद राहुल लोधी के साथ पूर्व में उनकी अनबन सुर्खियों में रह चुकी है. सागर में गोविंद सिंह और भूपेंद्र सिंह के बीच का विवाद भी सुर्खियों में रहा था. पुराने नेता भी असंतुष्ट पन्ना जिले में भी पुराने नेता असंतुष्ट हैं.पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले, बाबूलाल और गोरेलाल अहिरवार फिलहाल यादव, संजय नगायच,रामावतार पाठक हाशिए पर हैं. महेंद्र बागरी और अमिता बागरी बगावत कर चुनाव भी लड़ चुके है.

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