MP News: मध्यप्रदेश के छात्र अब श्रीमद भगवद्गीता, रामायण, महाभारत, वेद और पुराण की पढ़ाई कर सकेंगे. इसके लिए पीएम एक्सीलेंस कॉलेज में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की स्थापना की जा रही है. इसका शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार 14 जुलाई को इंदौर से करेंगे. प्रदेश के अन्य जिलों में भी पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का शुभारंभ गृहमंत्री शाह इंदौर से ही वर्चुअली करेंगे.
लंबे समय से कोर्स की किताबों में गीता, रामायण, महाभारत और वेद पुराणों के बारे में पढ़ाने की बातें की जा रही हैं. ये बातें अब धरातल पर उतरती नजर आ रही हैं. प्रदेश के हर जिले में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज बनाए जा रहे हैं. इन कॉलेज में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं. इन केंद्रों में आकर छात्र भारत के प्राचीन साहित्य पढ सकेंगे. हमारे ऋषि-मुनियों ने तप से जो ज्ञान अर्जित किया है, वो सभी को मिले. फिर चाहे वह ज्ञान, विज्ञान, भूगोल, खगोल, गणित या कला की विधाएं हो, वो सब यहां मिलेगा. प्राचीन भारत में जितनी विधाएं पढ़ाई जाती थी, उनके दुनिया को नाम भी नहीं पता.
एक जगह पर मिलेगा पूरा ज्ञान
ज्ञान की मूल धारा संस्कृत से निकली है, दुनिया में जो भी जाना जाता है, वो ज्ञान है. ज्ञान पर प्रत्येक व्यक्ति का हक है, यह सभी को मिलना चाहिए. कोई किसी भी विधा का छात्र को उसका उदगम हमारे शास्त्रों में है. कोई भी ज्ञान जो वर्तमान में दुनिया में अर्जित किया जा रहा है, वो पहले से ही संस्कृत में है. भारतीय ज्ञान परंपरा के बारे में जो भी जानकारी चाहता है, वो यह उपलब्ध है. वर्तमान का विद्यार्थी हर बात समझना चाहता है, जब उसे एक जगह पर सब कुछ नही मिलता तो वह निराश हो जाता है. लेकिन अब उसे एक ही जगह पूरा ज्ञान मिल सकेगा.
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अमित शाह करेंगे लोकार्पण
इस केंद्र की स्थापना शासकीय अटल बिहारी वाजपेई आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के स्वामी विवेकानंद भवन में किया जा रहा है. इंदौर का कोई भी कॉलेज स्टूडेंट अपना आई कार्ड दिखाकर यहां प्रवेश कर ज्ञान अर्जित कर सकता है. इससे छात्रों का ज्ञान वर्धन होगा, जो भविष्य की चुनौती से लडने में सहायक होगा। गृहमंत्री अमित शाह 14 जुलाई रविवार को इसका लोकार्पण करेंगे.
छात्रों को मिलेगा फायदा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में हर बात की तलाश के लिए विद्यार्थी इंटरनेट पर निर्भर हो गए हैं. सोशल मीडिया के जमाने में वे अपने पाठ्य पुस्तकों के अलावा कोई अन्य ज्ञान अर्जित करने के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं. लेकिन इस तरह के केंद्रों की शुरुआत करना छात्रों के भविष्य के लिए एक नई पहल है. निश्चित तौर पर इन केंद्रों में जाने वाले छात्रों को इसका फायदा जरूर मिलेगा.