MP News: मध्य प्रदेश में रिक्त एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव अगस्त में हो सकते हैं. चुनावी तिथि का ऐलान इस महीने के अंत तक हो सकता है. यह सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना- शिवपुरी लोकसभा से चुने जाने के कारण खाली हुई है. विधायकों की संख्या के अनुसार भाजपा के खाते में जाना तय है. चुनाव महज औपचारिकता होगी. राज्यसभा सीटों पर भाजपा अक्सर चौंकाने वाले नाम सामने लाती रही है. इसमें प्रदेश के बाहर के नेता भी शामिल हैं, पर माना जा रहा है कि इस बार प्रदेश के ही किसी नेता को राज्यसभा भेजा जाएगा.
लोकसभा का चुनाव जीतते ही सिंधिया ने राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद से इस सीट को लेकर भाजपा में दावेदार सक्रिय हैं. चुनाव आयोग के पास देश से खाली हुई राज्यसभा सीटों की सूची पहुंच चुकी है. जल्द ही चुनाव तारीखों को ऐलान हो सकता है. राज्यसभा की इस एक सीट को लेकर भाजपा की कोर कमेटी तीन से चार नेताओं के नाम दिल्ली भेजेगी. अंतिम मुहर दिल्ली से लगेगी.
केपी की भी लग सकती लॉटरी
फिलहाल जिन नामों की चर्चा है, उनमें गुना से सांसद रहे केपी यादव, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी मुकेश चतुर्वेदी और कांति देव सिंह प्रमुख हैं. इसके अलावा ग्वालियर के सीनियर नेता जयभान सिंह पवैया का नाम भी शामिल है. केपी यादव के नाम की चर्चा इसलिए है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान गुना क्षेत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यादव के राजनीतिक भविष्य की चिंता पार्टी करेगी.
वीडी शर्मा की पहली पसंद कांति देव
इसके अलावा मुकेश सिंह चतुर्वेदी को संगठन के प्रति निष्ठा से काम करने का इनाम मिल सकता है. मुकेश चतुर्वेदी 2013 में अपने भाई राकेश सिंह चतुर्वेदी के साथ भाजपा में आए थे. वे महगांव से सीट से विधायक भी रहे. इस बार भी टिकट के दावेदार थे पर पार्टी ने राकेश शुक्ला को टिकट दिया. वहीं कांति देव सिंह दो बार सिंगरौली भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. वे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने नजदीकी माने जाते हैं.
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समान्य वर्ग से बीजेपी बनाएगी एमपी
इधर, साल 2018 में कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह तोमर से चुनाव हारे जयभान सिंह पवैया को भी पार्टी उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रख राज्यसभा भेज सकती है. पिछले साल फरवरी में पांच सीटों के राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने पिछड़े वर्ग से बंशीलाल गुर्जर, दलित समाज से उमेशनाथ महाराज और महिला कोटे से माया नारोलिया को राज्यसभा भेजा था. इसके अलावा प्रदेश से बाहर के एल मुरूगन भी राज्यसभा भेजे गए थे. माना जा रहा है कि इस बार सामान्य वर्ग के किसी नेता को राज्यसभा भेजा जा सकता है.