Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश का जबलपुर शहर इन दिनों कचरे का ढेर बन चुका है. पिछले एक हफ्ते से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है. शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गई है और पूरे शहर में जगह-जगह कचरा का ढेर पड़ा हुआ है. लेकिन इतने गंभीर मुद्दे पर ना तो नगर निगम की आंखें खुल रही है और ना ही अधिकारियों की. जबलपुर में स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जनता कचरे की ढेर से परेशान है.
सड़कों की तस्वीरों को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे जबलपुर शहर में नगर सत्ता ही नहीं और ना ही किसी अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह इस ओर ध्यान दें. जबलपुर शहर में पिछले 6 दिनों से कचरा नहीं उठा है जिसकी वजह से पूरा शहर गंदगी में डूब चुका है. शहरवासी फैलते कचरे से परेशान हैं. पूरे शहर में एक भी कचरा गाड़ी कचरा उठाने नहीं आ रही है. जिसकी वजह से लोगों के घरों के सामने ही कचरे का ढेर बढ़ता जा रहा है.
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वेतन नहीं मिलने पर सफाईकर्मियों का हड़ताल
दरअसल, जबलपुर शहर के ये हालात सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से हुए हैं. जबलपुर शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था की गई है लेकिन पिछले एक हफ्ते से कचरा गाड़ी के ड्राइवर, हेल्पर और सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल पर होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि उन्हें पिछले तीन महीना से कंपनी ने वेतन नहीं दिया है. ऐसे में गरीब परिस्थितियों से जूझने वाले लोगों ने हड़ताल का रास्ता अपना लिया है.
नगर निगम कमिश्नर ने खुद मोर्चा संभाला
दरअसल, जबलपुर शहर में सफाई व्यवस्था का ठेका एक्सेल कंपनी को दिया गया है. इस कंपनी ने भी पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दूसरी कंपनी को जबलपुर शहर की सफाई व्यवस्था सौंप दी है. अब इस पूरे मामले पर जबलपुर नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई की बात तो कह रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उनके सामने शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना है. इसलिए जबलपुर नगर निगम की कमिश्नर प्रीति यादव ने खुद मोर्चा संभाला है और फील्ड पर उतरकर सफाई व्यवस्था बनाने में छुट्टी हुई हैं.
कांग्रेस ने बताया बड़ा भ्रष्टाचार
इधर इस मामले पर राजनीति भी गरमा गई है. जबलपुर शहर की विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी ने इसे बड़ा भ्रष्टाचारी बताया है कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जबलपुर शहर कचरे का ढेर बनता जा रहा है. लेकिन इस ओर ना तो महापौर ध्यान दे रहे हैं और ना ही जिम्मेदार अधिकारी. एक्सेल कंपनी को बढ़ावा देने के लिए लगातार अधिकारी और नगर निगम में बैठे लोग आंख मूंदे शहर की गंदगी को जनता के भरोसे छोड़ दिए हैं.