MP News:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कुर्सी में बैठने के साथ दो अहम फैसले किए लेकिन सीएम के फैसले का अमल सिर्फ कागजों में हुआ है. राजधानी में खुले में मांस बिक रहा है और जमकर लाउडस्पीकर बज रहा है. पुराने शहर में तो प्रशासन कार्रवाई में नहीं कर रहा है. मस्जिदों पर एक नहीं कई लाउडस्पीकर लगे हुए हैं. सबूत है कि सीएम को रिपोर्ट हटाने की भेज दी लेकिन तस्वीरें झूठ नहीं बोलती है. सीएम के फरमान का कितना असर देखिए रिपोर्ट
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को दिए निर्देश
शहर में एक बार फिर खुले में मांस, लाउड स्पीकर और डीजे के खिलाफ कार्रवाई हुई है. अब यह सिर्फ कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि एफआईआर (FIR) भी कराई जाएगी. पिछले दिनों कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को कहा था कि सभी विभागों के अधिकारी खुले में मांस बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएं. बड़ा अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करें. इसके साथ ही तय सीमा से अधिक तेज आवाज में लाउडस्पीकर व डीजे चलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के साथ ही एफआईआर (FIR) कराएं. उन्होंने सभी पेंडिंग मामलों का तत्काल हल करने के निर्देश दिए.
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दरअसल, सीएम मोहन यादव ने पहली कैबिनेट में 14 दिसंबर 2023 को प्रदेशभर के सभी धार्मिक स्थालों पर लगे लाउडस्पीकर की संख्या अधिकतम दो और उनकी आवाज को तय सीमा में करने के आदेश दिए थे. उन्होंने खुले में मांस बिक्री पर भी पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद निगम अमले ने खुले और अवैध रूप से मांस, मछली और अंडे बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की. शहर भर में 400 से ज्यादा दुकानों पर कार्रवाई की गई. 150 से ज्यादा दुकानों पर अपारदर्शी कांच लगाए थे. मुख्य रूप से रायसेन रोड, बैरागढ़, एयरपोर्ट रोड, भानपुर, होशंगाबाद रोड समेत 21 से ज्यादा इलाकों में ज्यादा कार्रवाई की गई थी.
अब तक 619 लाउड स्पीकर हटाए गए
सीएम के निर्देश के बाद शहरी क्षेत्र के 34 थाना क्षेत्रों में 462 धार्मिक स्थल चिह्नित हुए थे. इनमें से 126 धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर पूरी तरह हटा दिए गए थे. 356 धार्मिक स्थलों ने तय वॉल्यूम में स्पीकर की आवाज करने का वादा किया था. इस दौरान कुल 619 लाउड स्पीकर हटाए गए थे. डीजे में सिर्फ दो बॉक्स लगाने की अनुमति है. उनका भी वॉल्यूम भी तय गाइडलाइन में रखना था. शहर में 100 से ज्यादा डीजे संचालक हैं.
लाउडस्पीकर से जनता परेशान तो है लेकिन हमीदिया के आसपास लगे लाउडस्पीकर की वजह से मरीज काफी ज्यादा तनाव में हैं. अस्पताल में इलाज से साथ मानसिक तनाव लाउडस्पीकर की वजह से मिल रहा है. इधर, कांग्रेस ने सीएम के फैसले पर एक्शन को हवा हवाई बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया का कहना है कि प्रशासन जवाब दें क्या कार्रवाई की है. वहीं बीजेपी का कहना है कि सीएम के निर्देश पर असर हुआ है. कहीं पर भी पालन नहीं हो रहा है तो सरकार निगरानी कर रही है.