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Lok Sabha Election: थर्ड फेज में स्टार प्रत्याशियों के बूथ मैनेजमेंट से तीन सीटों पर बढ़ा वोटिंग परसेंटेज, शिवराज,महाराज और ‘राजा’ के इलाके में 70 % मतदान

third phase voting in mp

स्टार प्रत्याशियों के बूथ मैनेजमेंट से तीन सीटों पर वोटिंग टर्न आउट परसेंटेज बड़ा है.

Lok Sabha Election: मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनाव में पहले और दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत में गिरावट हुई. तीसरे चरण में भी यही स्थिति बनी रही. बीजेपी कांग्रेस और चुनाव आयोग की लाख कोशिशें के बाद मतदाता मतदान करने ही नहीं निकले साल 2019 की तुलना में तीनों चरणों में मध्य प्रदेश में कम लोकसभा चुनाव के दौरान वोटिंग का ग्राफ बना हुआ है. हालांकि स्टार प्रत्याशियों के बूथ मैनेजमेंट से तीन सीटों पर वोटिंग टर्न आउट परसेंटेज बढ़ूा है. तीसरी फेस के इलेक्शन में गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया विदिशा से शिवराज सिंह चौहान और राजगढ़ से दिग्विजय सिंह चुनाव लड़े हैं. इन तीनों सीटों पर 70% से अधिक वोटिंग हुई है. बड़े नेताओं के लाख कोशिश के बाद भले ही उनके क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा वोटिंग हुई है लेकिन सभी 9 सीटों के मतदान प्रतिशत का आंकड़ा बीते 5 साल पहले हुए लोकसभा चुनाव की तरह ही है. साल 2019 में इन्हीं तीनों लोकसभा सीटों पर 66.84 प्रतिशत मतदान हुआ था साल 2024 में 66.74% मतदान का प्रतिशत चुनाव आयोग ने जारी किया है. यानी कि 5 साल में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 0.10% की गिरावट 2024 के तीसरे चरण के चुनाव में आई है. वहीं चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक तीसरे चरण में भी पुरुषों की तुलना में 6 फीसदी कम महिलाएं मतदान करने के लिए निकली. तीनों लोकसभा सीटों में 69% पुरुषों ने मतदान किया. वहीं 63% महिलाओं ने वोटिंग की है.

वोटिंग परसेंटेज के लिए यह भी बड़े कारण

बड़े नेताओं के बीच मुकाबला

राजगढ़ लोकसभा सीट में अधिक मतदान का नतीजा है कि दिग्विजय सिंह लंबे समय के बाद चुनाव लड़ने उतरे. वहीं उनका मुकाबला भाजपा के दो बार के सांसद रोडमल नागर से रहा. विदिशा से शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रताप भानु शर्मा चुनाव लड़े और गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने राव यादवेंद्र यादव सामने थे. ऐसे में नेताओं के सामने ज्यादा से ज्यादा वोटिंग करने की चुनौती थी.

पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हुए एक्टिव

साल 2014 और 19 में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को राजगढ़ से सफलता मिली. इसके बाद दिग्विजय सिंह चुनाव मैदान में उतरे तो स्थानीय कार्यकर्ता भी एक्टिव हुए और खास तौर पर दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने अपने राजा का गढ़ बचाने के लिए भरपूर कोशिश की. दिग्विजय सिंह के साथ भारी संख्या में कार्यकर्ता राजगढ़ में हर मतदाता के बीच पहुंचने की कोशिश में जुटे रहे. वहीं रोडमल नागर को पूरी तरीके से बीजेपी की मशीनरी और इंटरनल मदद के लिए आर आर एस अलर्ट रहा.

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अमित शाह का दौरा, मोदी मैजिक

पहले और दूसरे चरण के मतदान में वोटिंग प्रतिशत कम होने के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह अचानक भोपाल पहुंचे. उन्होंने भाजपा के सभी बड़े नेताओं के साथ बैठक की. यहां तक कि मंत्रियों को दो टूक कहा कि जिन मंत्रियों के इलाके में वोटिंग प्रतिशत कम हुआ है तो उनके लिए खतरा भी पैदा हो सकता है. इसके बाद भाजपा के सभी नेता वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने पर फोकस किया. वहीं प्रधानमंत्री ने भी मध्य प्रदेश के दौरे में मोदी की गारंटी के साथ ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील की.

ऐसा रहा एमपी का टर्न आउट

पहले फेस 19 अप्रैल को 67 फीसदी वोटिंग, साल 2019 की तुलना में 8% कम हुआ मतदान
दूसरे चरण में 26 अप्रैल को हुआ मतदान, 58.5 प्रतिशत हुई वोटिंग, 9% साल 2019 की तुलना में कम हुआ मतदान
तीसरे चरण में 7 मई को मतदान हुआ 66 फ़ीसदी

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